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पहला उपाय-
घर के आंगन में किलकत कान्ह घुटुरुवनि आवत मनिमय कनक नंद कै आंगन, बिंब पकरिवै धावत। क्योंकि यशोदा जी हरि को पालने में झूला रही हैं और सूरदास कहते हैं- जो सुख सूर अमर-मुनि दुर्लभ, सो नंद भामिनी पावै जसोदा हरि पालनै झूलावैं... अपनी ही देह से उत्पन्न एक आत्मा, एक शरीर, उसको खिलाने से बड़ा कोई सुख नहीं है। तो ये उपाय है। आपको ये सुख दिला सकता है।
घर के नजदीक के किसी शिव मंदिर में जाकर आपको ये प्रयोग करना है। ऐसा नहीं है कि दूर के मंदिर में नहीं जा सकते। आपका जहां मन हो, उस शिव मंदिर में जाये। घर से नहा धो कर और नये कपड़े पहन कर जायें। मंदिर में जाकर शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करायें। स्नान का क्रम इस प्रकार रहेगी। सबसे पहले दूध से, फिर दही से, शहद से, शक्कर से और सबसे अन्त में घी से स्नान कराएं। ऐसे ही और उपायों के लिए देखे वीडियो।
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