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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र पुत्रदा एकादशी 3 को: संतान सुख के लिए इस मुहूर्त के साथ करें पूजा, कथा

पुत्रदा एकादशी 3 को: संतान सुख के लिए इस मुहूर्त के साथ करें पूजा, कथा

पुत्रदा एकादशी व्रत करने स हर पापों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ अगर आप संतान सुख चाहते है, तो इससे अच्छा कोई व्रत नहीं होगा। जानिए इस व्रत की पूजा विधि और कथा के बारें में।

PUTRA EKADASHI

जब सभी वन पहुंच कर इस बारें में महर्षि से पुछा तो थोडी देर बाद वह बोले कि राजन पिछले जन्म में आप बहुत निर्धन व्यक्ति थे आपना गुजारा करने के लिए आप गलत काम करते थे। एक दिन दो दिन से भूखे आप एक सरोवर के किनारे पहुंचें तो वहां पर एक प्यासी गाय पानी पी रही थी लोकिन आप नें उसे हटा कर खुद ही पानी पीने लगे। जिसके कारण आप को पाप लगा। उस दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी थी। इसी कारण आपको पुत्र का वियोग सहना पड़े।

यह सब बाते सुन कर सभी श्रृषियों नें कहा कि अब इस पाप से छुटकारा पाने के लिए कोई उपाय बताइए। तब श्रृषि नें कहा कि सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत आप सभी रखें और यह संकल्प लें कि इसका फल महाराज को दे दें और रात में जागरण करों। इसके बाद इसका पारण दूसरे दिन करें। ऐसा करने से आपके पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाएगी और आप सभी को अपना उत्तराधिकारी मिल सकता है। ऐसा करने से महाराज को पुत्र की प्राप्ति हुई।

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