जानें किस राशि के लिए शुभ होता है पुखराज रत्न, साथ ही ये राशियां कभी भी ना पहनें ये रत्न
आचार्य इंदु प्रकाश जानें किस राशि वालों के लिये यह गुरु रत्न उपयोगी है, किस राशि वालों को पुखराज पहनना चाहिए और किसको नहीं पहनना चाहिए। साथ ही इसे पहनने से क्या फायदा होगा और क्या नुकसान है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार कुल नौ रत्न होते हैं- माणिक्य, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद और लहसुनिया। इनका क्रमशः सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रहों से संबंध होता है। इन रत्नों की जादुई और अद्भुत दुनिया का मनुष्य से बहुत पुराना संबंध है। ये रत्न हमारे शरीर के पंचतत्वों को संतुलित रखने में मदद करते हैं। साथ ही इन्हें धारण करने से संबंधित ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते हैं। अतः गुरुवार के दिन बृहस्पति के रत्न पुखराज के बारे में बात करेंगे।
पुखराज, जिसे अंग्रेजी में येलो सेफायर कहते हैं देखने में हल्के पीले या गहरे पीले रंग का होता है। यह चमकीला होता है। ध्यान से देखने पर ऐसा लगता है जैसे इसके अंदर पानी हो। इसके आर-पार दिखाई देता है लेकिन साफ साफ नहीं, थोड़ा सा धुंधला। हालांकि पीला पुखराज सबसे ज्यादा अमूल्य और लोकप्रिय होता है लेकिन इसके अलावा यह सफेद, गुलाबी और नीले रंग का भी होता है और वह सब भी बहुत मूल्यवान होते है। एक बहुत ही दुर्लभ ब्रेगेंजा नामक 1640 कैरेट का रंगहीन पुखराज पुर्तगाल के राजा के पास है , जिसे पहले हीरा समझा जाता था।
आचार्य इंदु प्रकाश जानें किस राशि वालों के लिये यह गुरु रत्न उपयोगी है, किस राशि वालों को पुखराज पहनना चाहिए और किसको नहीं पहनना चाहिए। साथ ही इसे पहनने से क्या फायदा होगा और क्या नुकसान है।
मेष राशि
मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है और मंगल और गुरु के बीच अच्छे संबंध हैं। साथ ही गुरु का मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव पर भी प्रभाव रहता है जो की भाग्य व्यय एवं शय्या सुख से संबंध रखता है। अत: मेष राशि के जातक गुरु का रत्नस पुखराज पहन सकते हैं। मेष राशि वालों को पुखराज पहनने से अच्छा भाग्य और धन की प्राप्ति हो सकती है।
वृष राशि
वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और इस ग्रह का गुरु के साथ सामान्यर संबंध होता है। इसके अलावा गुरु, वृष राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव का भी स्वामी है। वृषभ राशि के दूसरे, चौथे, पांचवे, नौवे, दसवें और ग्यारहवें भाव में गुरु हो तो उस व्यहक्ति को आर्थिक मजबूती मिलती है। ये जातक पुखराज रत्न पहन सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से जांच परख करके ही पहनना चहिये।
मिथुन राशि
मिथुन राशि का स्वामी बुध है। गुरु और बुध के बीच भी ना ही बहुत अच्छे संबंध है और ना ही बहुत बुरे । गुरु के दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें और आठवें भाव में होने पर जातक को पुखराज रत्नर जरूर धारण करना चाहिए।और गुरु मिथुन राशि के सातवें और दसवें भाव का स्वामी है। इस राशि के जातकों का पुखराज पहनना विवाह में देरी से उबरने में मदद कर सकता है और उपयुक्त साथी ढूंढने में मदद करता है। लेकिन सप्तमेश और मारकेश होने के कारण पुखराज के प्रोलॉग्ड यूज से बचना चहिए।
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कर्क राशि
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा का गुरु के साथ शांत और सौम्यु संबंध है। गुरु के छठे और नौवे भाव में होने पर कर्क राशि वाले व्यंक्ति को पुखराज रत्ने पहनने से पेट, ह्र्दय और श्वास संबंधित रोगों में फायदा होता है। लेकिन गुरु के षष्ठेश यानि अकारक भी होने के कारण गुरु यंत्र के साथ ही पुखराज पहनना चहिये, अन्यथा ये हानि कर सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और सूर्य और गुरु में सकारात्मक संबंध होता है। ये दोनों एक-दूसरे से मैत्री संबंध रखते हैं। गुरु के पांचवे और आठवें भाव के स्वायमी होने पर सिंह राशि के लोगों को पुखराज पहनना चाहिए।इससे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इन्हेंर सूर्य के रत्नस माणिक्य के साथ पुखराज पहनने से भी फायदा होता है।
कन्या राशि
कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। और गुरु इसके चौथे और सातवें भाव का स्वामी है। चौथे घर का संबंध माता, भूमि, भवन, वाहन और सुख से होता है जबकी जबकी सातवां घर जीवनसाथी का और मारकेश होता है। इसके अलावा बुध और गुरु के बीच मैत्री संबंध ना होने के कारण कन्या राशि के लोग पुखराज रत्न एवॉयड ही करें तो अच्छा है। पुखराज पहनने से आपके चौथे घर के शुभ परिणाम तो मिलेंगे, लेकिन एक मारकेश जैसी स्थिति बन जायेगी।
तुला राशि
तुला राशि के तीसरे और छठे घर का स्वामी गुरु है। साथ ही तुला राशि का स्वामी शुक्र है एवं गुरु और शुक्र के मध्य शत्रुता का संबंध होने के कारण तुला राशि के लोगों को पुखराज रत्न जरा भी फायदा नहीं पहुंचाता है। पुखराज पहनने से आपको पेट से संबंधित परेशानी हो सकती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। गुरु और मंगल दोनों मैत्री संबंध रखते हैं। इस राशि के लोग लाल मूंगा के साथ पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं।इसके अलावा वृश्चिक राशि वालों के लिये गुरु रत्न पंचम स्थान से संबंधित विषयों के शुभ फल प्रदान करेगा। ये विषय हैं – विद्या, संतान, विवेक, रोमांस, डिसीजन मेकिंग की एबिलिटी आदि। लेकिन वृश्चिक राशि वालों के लिये गुरु द्वितीयेश होने के कारण प्रबल मारकेश भी है। अतः वृश्चिक राशि वालों को गुरु यंत्र के साथ ही पुखराज पहनना चहिये वरना नहीं पहनना चहिये।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिये गुरु प्रथम भाव, यानी लग्न स्थान और चौथे भाव का स्वामी होता है। ये स्थान अत्यंत शुभ है। अतः धनु राशि वालों आपको पुखराज अवश्य पहनना चाहिए। इससे आपका शरीर, आपका स्वास्थ्य अच्छी हालत में तो रहेगा ही। साथ ही आपके माता का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा ।
मकर राशि
मकर राशि वालों का गुरु तृतीयेश यानि अकारक होता है और द्वादशेश यानि व्यय मान का स्वामी होने के कारण मकर राशि के लोगों को पुखराज रत्नि नहीं पहनना चाहिए। ये रत्नक आपको फायदे की जगह नुकसान दे सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि का स्वामी शनि ग्रह है। इस राशि में गुरु द्वितीयेश यानि प्रबल मारकेश और एकादशेश होने के कारण अकारक ही होता है । इस कारण कुंभ राशि के लोगों को भी पुखराज रत्न नहीं पहनना चाहिए।
मीन राशि
मीन राशि वालों गुरु आपके प्रथम और दसवें भाव का स्वामी है। और गुरु अगर दसवें भाव में हो तो बेहद शुभ फल प्रदान करता है। मीन राशि के लोगों को पुखराज रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। इससे आपका माइंड एंड बॉडी कॉर्डिनेशन बेहतर हो जायेगा। मन का शरीर के साथ ताल्लुक अच्छा रहेगा और आप चीज़ें बेहतर डायरेक्शन में ले जायेंगे। साथ ही आपके दसवें भाव के विषयों यानि पिता और करियर में भी पुखराज आपको शुभ फल देगा।