PM मोदी ने किया दुनिया की सबसे वजनी भगवद्गीता का लोकार्पण, जानें इस ग्रंथ के बारें में दिलचस्प बातें
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दिल्ली के इस्कॉन टैंपल में विशाल 800 किलोमग्राम की भगवद्गीता का अनावरण कर दिया। इस्कॉन के अनुसार इसे 'एस्टाउंडिंग भगवद् गीता' कहा जा रहा है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दिल्ली के इस्कॉन टैंपल में विशाल 800 किलोमग्राम की भगवद्गीता का अनावरण कर दिया। इस्कॉन के अनुसार इसे 'एस्टाउंडिंग भगवद् गीता' कहा जा रहा है। इसके साथ ही पीएम मोजी ने इस्कान मंदिर में भाषण भी दिया। पीएम मोदी ने कहा, 'आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही सदियों से ज्ञान का प्रतीक है भगवद्गीता '
इस्कॉन मंदिर पहुंचने के लिए पीएम मोदी ने दिल्ली के खान मार्केट मेट्रों स्टेशन से मेट्रो की सवारी की। पीएम मोदी को अक्सर ही मेट्रो का सफर करते देखा जाता है। वहीं, यात्रा के दौरान पीएम मोदी को अपने बीच पाकर सहयात्रियों ने उनके साथ सेल्फी ली।
विश्व की सबसे बड़ी गीता का विमोचन कर पीएम मोदी ने कहा कि यह दुनिया को सबसे प्रेरक उपहार है। गीता पूरे विश्व की धरोहर है। गीता हजारों साल से प्रासंगिक है।
पीएम मोदी ने कहा, "देश-विदेश की अनेक भाषाओं में श्रीमद् भगवद् गीता का अनुवाद हो चुका है। लोकमान्य तिलक ने जेल में रहकर गीता के रहस्य को भी लिखा है। उन्होंने मराठी में गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने गीता का गुजराती में भी अनुवाद किया था।" पीएम ने कहा, "अगर आप विद्यार्थी हैं और अनिर्णय की स्थिति में हैं, आप किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष हैं या फिर मोक्ष की कामना रखने वाले योगी आपको अपने हर प्रश्न का उत्तर श्रीमद् भगवद् गीता में मिल जाएगा।
सबसे वजनी भगवद्गीता के बारें में कुछ बातें
दुनियाभर में भगवान कृष्ण की लीलाओं और संदेश को फैलाने वाली संस्था अतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ यानी इस्कॉन ने सबसे बड़ी धार्मिक पुस्तक तैयार की है। जो कि दुनिया की सबसे बड़ी पुस्तक है। जिसका वजन 800 किलोग्राम है। इसे तैयार करने में सिंथेटिक कागज, सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी धातुओं का भी इस्तेमाल किया गया है। एक पन्ने को पलटने में चार लोग लगते हैं। इस किताब को इस्कॉन इटली ने बनवाया है। इस्कॉन के सभी केंद्रों से राशि जमा करके इसे बनाया गया है। इसके निर्माण में लगभग डेढ़ करोड़ का खर्च आया है।
भगवद् गीता को इस्कॉन मंदिर की संस्था ने बनवाया है। इसे छपवाने में संस्था को करीब ढाई साल का समय लगा है। इसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। गीता को इटली के मिलान शहर से समुद्री मार्ग द्वारा गुजरात के मुंद्रा लाया गया। इसके बाद 20 जनवरी को दिल्ली पहुंचाया गया।
क्यों खास है ये भगवद् गीता
- यह भगवद् गीता 800 किलो की है। जिसके पन्ने चांदी, सोने और प्लैटिनम से बने हुए है।
- इस पुस्तक में पूरे 670 पन्ने है। जिसे पलटने के लिए पूरे 4 लोग लगते है।
- इस लंबाई की बात करें तो वह है 12 फीट और चौडाई 9 फीट है।
- इस पुस्तक का निर्माण करने में पूरे ढ़ाई साल लगे। जिसकी लागत डेढ़ करोड़ रुपए है।
- इसके कवर पेज को बनाने के लिए सैटेलाइट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है।
11 नवंबर को इटली में हुई थी प्रदर्शित
इस्कॉन संस्था की ओर से बताया गया कि इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रीमद् ऐसी भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने इसे बनवाया है। इसे गीता प्रचार के 50 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में बनवाया गया