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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र पितृ पक्ष 2021: पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें तर्पण, घर आएगी सुख-समृद्धि

पितृ पक्ष 2021: पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें तर्पण, घर आएगी सुख-समृद्धि

श्राद्ध में तर्पण का बहुत अधिक महत्व है। इससे पितर संतुष्ट व तृप्त होते हैं।

तर्पण करने की विधि- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/VASTUCREATIONS तर्पण करने की विधि

श्राद्ध में तर्पण का बहुत अधिक महत्व है। इससे पितर संतुष्ट व तृप्त होते हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार जिस प्रकार वर्षा का जल सीप में गिरने से मोती, कदली में गिरने से कपूर, खेत में गिरने से अन्न और धूल में गिरने से कीचड़ बन जाता है, उसी प्रकार तर्पण के जल से सूक्ष्म वाष्पकण- देव योनि के पितर को अमृत, मनुष्य योनि के पितर को अन्न, पशु योनि के पितर को चारा व अन्य योनियों के पितरों को उनके अनुरूप भोजन व सन्तुष्टि प्रदान करते हैं।

जो व्यक्ति तर्पण कार्य पूर्ण करता है, उसे हर तरफ से लाभ मिलता है, नौकरी में तरक्की मिलती है। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए तर्पण करने की सही विधि के बारे में।

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तर्पण कर्म मुख्य रूप से छः प्रकार से किये जाते हैं

  • पहला देव-तर्पण
  • दूसरा ऋषि तर्पण
  • दिव्य मानव तर्पण
  • दिव्य पितृ-तर्पण
  • यम तर्पण
  • मनुष्य-पितृ तर्पण 

ऐसे करें तर्पण
श्राद्ध में किए जाने वाले तर्पण में एक लोटे में साफ जल लेकर उसमें दूध, जौ, चावल और गंगा जल मिलाकर तर्पण कार्य करना चाहिए। पितरों का तर्पण करते समय पात्र में जल लेकर दक्षिण दिशा में मुख करके बायां घुटना मोड़कर बैठें। अगर आप जनेऊ धारक हैं तो अपने जनेऊ को बाएं कंधे से उठाकर दाहिने कंधे पर रखें और हाथ के अंगूठे के सहारे से जल को धीरे-धीरे नीचे की ओर गिराएं। जो अभी मैंने आपको तर्पण की मुद्रा बताई उस मुद्रा को पितृ तीर्थ मुद्रा कहते हैं।

इसी मुद्रा में रहकर अपने सभी पितरों को तीन-तीन अंजलि जल देना चाहिए। तर्पण हमेशा साफ कपड़े पहनकर श्रद्धा से करना चाहिए। बिना श्रद्धा के धर्म-कर्म तामसी तथा खंडित होते हैं। इसलिए श्रद्धा भाव होना जरूरी है।

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