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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र 2 दिसंबर को पिशाचमोचिनि तिथि, इस दिन विधि-विधान से पितरों का श्राद्ध करना होता है शुभ

2 दिसंबर को पिशाचमोचिनि तिथि, इस दिन विधि-विधान से पितरों का श्राद्ध करना होता है शुभ

मार्गशीर्ष शुक्ल की चतुर्दशी के दिन पितरों का श्राद्ध करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों को हाथों से पानी दिया जाता है। जानिए पूजा विधि....

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अब अनामिका उंगली में कुश की अंगूठी पहनकर ऊं अर्यमायै नमः मंत्र बोलते हुए पितृतीर्थ से 108 तर्पण करें। यानि कि थाल में से दोनों हाथों की अंजली भर-भर के पानी लें और दाएं हाथ की तर्जनी उंगली व अंगूठे के बीच से गिरे, इस प्रकार उसी पात्र में डालते रहें। तर्पण पीतल या तांबे के थाल अथवा तपेली में बनाकर रखे जल से करना है।

जब ये तर्पण हो जाएं तो इसके बाद दाएं हाथ में शुद्द जल लेकर संकल्प करें कि  सर्व प्रेतात्माओं की सदगति के निमित्त किया गया, यह तर्पण कार्य भगवान नारायण के श्रीचरणों में समर्पित है। फिर तनिक शांत होकर भगवद्-शांति में बैठें। बाद में तर्पण के जल को पीपल में चढ़ा दें।

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