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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र 2 दिसंबर को पिशाचमोचिनि तिथि, इस दिन विधि-विधान से पितरों का श्राद्ध करना होता है शुभ

2 दिसंबर को पिशाचमोचिनि तिथि, इस दिन विधि-विधान से पितरों का श्राद्ध करना होता है शुभ

मार्गशीर्ष शुक्ल की चतुर्दशी के दिन पितरों का श्राद्ध करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों को हाथों से पानी दिया जाता है। जानिए पूजा विधि....

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धर्म डेस्क: मार्गशीर्ष शुक्ल की चतुर्दशी के दिन पितरों का श्राद्ध करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि अगर किसी पितर की मौत अकाल या वो भूत-प्रेत से पीड़ित हो, तो इस तिथि को श्राद्ध करने से सभी चीजों से छुटकारा मिलता है। इस बार यह तिथि 2 दिसंबर, शनिवार को है। जानिए क्या है पिशाचमोचिनि तिथि और कैसे करनी इस दिन पूजा।

पिशाचमोचिनि तिथि
इस दिन उन पितरों का तर्पण किया जाता है। जो कि प्रेत योनि में है। जिन लोगों की मृत्यु अकाल हो या कोई भूत-प्रेत अथवा पितृ बाधा से पीड़ित हो। ऐसे लोगों की इस दिन श्राद्ध-तर्पण करना जरुरी माना जाता है। इससे उनकतो प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है।

ऐसे करें पूजा
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद एक आसन बिछाकर दक्षिण की ओर मुख करके बैठ जाएं। फिर आचमन और तिलक करें। इसके बाद पीतल या ताँबे के थाल अथवा तपेली आदि मे पानी लें। इस थाली में आप पहले से ही दूध, घी, दही, कुमकुम, शहद, कुश, तिल आदि डालकर रख लें। अब इस जल को हाथ में लें और जिस पितर का तर्पण कर रहे हो उसका नाम लें और बोले प्रेतत्व निवारण हेतु हम आज पिशाचमोचन श्राद्ध तिथि को यह पिशाचमोचन श्राद्ध कर रहे हैं। अब इस जल को जमीन  में छोड़ दें। फिर थोड़े से काले तिल लेकर चारों ओर जमीन में छिड़क दें और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें कि वह हमारे श्राद्ध की राक्षसों से रक्षा करें।

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