A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र पौष पुत्रदा एकादशी: संतान सुख पाने के लिए इस विधि से करें पूजा और पढ़े कथा

पौष पुत्रदा एकादशी: संतान सुख पाने के लिए इस विधि से करें पूजा और पढ़े कथा

पौष मास की शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत संतान के लिए बहुत ही महत्व रखता है। इस बार ये एकादशी 29 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है। इसके साथ ही इस साल की ये आखिरी एकादशी है। जानिए पूजा विधि, कथा...

Ekadashi- India TV Hindi Ekadashi

धर्म डेस्क:  पौष मास की शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत संतान के लिए बहुत ही महत्व रखता है। इस बार ये एकादशी 29 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है। इसके साथ ही इस साल की ये आखिरी एकादशी है। इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ करने से आपको संतान सुख मिलेगा। जानिए इसकी पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और कथा के बारें में।

पूजा विधि
आज के दिन सुबह के समय नहा-धोकर, साफ कपड़े पहनकर पास के किसी शिव मंदिर में जायें और वहां जाते समय अपने साथ दूध, दही, शहद, शक्कर, घी और भगवान को चढ़ाने के लिये साफ और नया कपड़ा ले जायें अब मन्दिर जाकर शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करायें यहां इस बात का ध्यान रखें कि सब चीज़ों को एक साथ मिलाना नहीं है बल्कि अलग-अलग रखना है। अब शिवलिंग पर क्रम से सबसे पहले दूध से, फिर दही से, शहद से, शक्कर से और सबसे अन्त में घी से स्नान करायें और प्रत्येक स्नान के बाद शुद्ध जल शिवलिंग पर चढ़ाना न भूलें। ए

सबसे पहले शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं, उसके बाद शुद्ध जल चढ़ाएं फिर दही चढ़ाएं, उसके बाद फिर से शुद्ध जल चढ़ाएं। इसी तरह बाकी चीज़ों से भी स्नान कराएं। भगवान को स्नान कराने के बाद उन्हें साफ और नये कपड़े अर्पित करें। अब मन्त्र जप करना है

ॐ गोविन्दाय, माधवाय नारायणाय नम.

इस मंत्र का 108 बार जाप करना है और हर बार मन्त्र पढ़ने के बाद एक बेलपत्र भी भगवान शंकर को जरूर चढ़ाएं। भगवान के पूजन के पश्चात ब्राह्मणों को अन्न, गर्म वस्त्र एवं कम्बल आदि का दान करना अति उत्तम कर्म है। यह व्रत क्योंकि शुक्रवार को है इसलिए इस दिन सफेद और गुलाबी रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। व्रत में बिना नमक के फलाहार करना श्रेष्ठ माना गया है तथा अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।

अगली स्लाइड में पढ़े कथा के बारें में

Latest Lifestyle News