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आज रात से शुरु हो रहे है पंचक, 7 अप्रैल तक न करें शुभ काम

इस बार पंचक 3 अप्रैल, रविवार की रात 9 बजकर 20 मिनट से शुरु होगे जो कि 7 अप्रैल, गुरुवार को रात 3 बजकर 23 मिनट को समाप्त होगे। इस बार रविवार को शुरु होने के कारण इसे रोग पंचक कहा जाएगा।

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धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले ये देखा जाता है कि कोई शुभ या अशुभ दिन या फिर अच्छा मुहूर्त है कि नही। ज्योतिषों के अनुसार कुछ नक्षत्रों में शुभ काम अच्छा होता है और कुछ में शुभ काम करने की मनाही होती है। इसी नक्षत्रों में पंचक आधारित होता है।

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पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना है। गोचर में चन्द्रमा जब कुंभ राशि से मीन राशि तक रहता है तब इसे पंचक कहा जाता है, इस दौरान चंद्रमा पांच नक्षत्रों में से गुजरता है। ऐसे भी कह सकते हैं कि धनिष्ठा नक्षत्र का उत्तरार्ध, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र ये पांच नक्षत्र पंचक कहलाते है। इस अवसर में कोई भी शुभ काम करना मना होता है।

पंचक कब से कब तक है पंचक, जानिए

इस बार पंचक 3 अप्रैल, रविवार की रात 9 बजकर 20 मिनट से शुरु होगे जो कि 7 अप्रैल, गुरुवार को रात 3 बजकर 23 मिनट को समाप्त होगे। इस बार रविवार को शुरु होने के कारण इसे रोग पंचक कहा जाएगा।

इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में अग्नि का भय होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। इनसे नुकसान हो सकता है। इसलिए इन पंचकों के दौरान कोई ऐसा काम न करें। जिससे आपको परेशानियों का सामना करना पड़े।

अगली स्लाइड में जानिए कि पंचक क्या और कितने प्रकार के होते है

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