नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले ये देखा जाता है कि कोई शुभ या अशुभ दिव या फिर अच्छा मुहूर्त है कि नही। ज्योतिषों के अनुसार कुछ नक्षत्रों में शुभ काम अच्छा होता है और कुछ में शुभ काम करने की मनाही होती है। इसी नक्षत्रों में पंचक आधारित होता है।
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पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना है। गोचर में चन्द्रमा जब कुम्भ राशि से मीन राशि तक रहता है तब इसे पंचक कहा जाता है, इस दौरान चंद्रमा पाँच नक्षत्रों में से गुजरता है।ऐसे भी कह सकते हैं कि धनिष्ठा नक्षत्र का उत्तरार्ध, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र ये पाँच नक्षत्र पंचक कहलाते है। इस अवसर में कोई भी शुभ काम करना मना होता है।
पंचक कब से कब तक है, जानिए
इस बार पंचक कल यानी कि 19 नवंबर को सुबह 7: 35 मिनट से शुरू होकर 23 नवंबर, सोमवार को 12: 18 मिनट कर रहेगा। ज्योतिषों के अनुसार कोई भी शुभ काम नही करना चाहिए। चाहे उसे थोडे दिनों के लिए टाल ही क्यों न दें। इस दिनों में दक्षिण दिशा की यात्रा, ग्रह प्रवेश या फिर कोई शुभ काम हो वो बिल्कुल भी न करें।
सूर्य की डिग्री के आधार पर भी पांच तरह के पंचक बनते हैं। जो इस प्रकार है।
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