धर्म डेस्क: 23 दिसंबर, शनिवार से पंचक शुरु हो रहे है। जो कि 28 दिसंबर तक रहेगा। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इन्हे मृत्यु पंचक कहा जाता है। इस पंचक में शादी जैसे शुभ काम करने की मनाही होती है। इस पंचक में कोई भी ऐसे काम नही करना चाहिए जोखिम भरे हो।
इस समय होगा पंचक
मृत्यु पंचक 23 दिसंबर शनिवार को सुबह 8 बजकर 31 मिनट से शुरु हो रहे है। जो कि 28 दिसंबर, गुरुवार को 1 बजकर 37 मिनट में समाप्त होगे।
क्या है पंचक
धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से रेवती तक के नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। आज धनिष्ठा नक्षत्र के साथ पंचक की शुरुआत हुआ है। पंचक इन 5 खास नक्षत्र में ही लगता है जो कि धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। जिसमें कोई भी शुभ काम करने की मनाही है।
ज्योतिषशास्त्र में पंचक लगने को अशुभ माना जाता है। पंचक की गणना चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर होती है। इस दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है जिसे हमें भूल कर भी नहीं करनी चाहिए।
पंचक में अगर किसी की मृत्यु हो गई है तो उसके अंतिम संस्कार ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकते है। इसके बारें में विस्तार से गरुड़ पुराण में बताया गया है जिसके अनुसार अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी विद्वान पंडित से सलाह लेनी चाहिए और साथ में जब अंतिम संस्कार कर रहे हो तो शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले बना कर अर्थी के साथ रखें। और इसके बाद शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करें।
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