धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में कोई भी काम करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। जिससे कि उस काम में सफलता ही मिले। ज्योतिषों के अनुसार पंचक में कोई भी शुभ काम करने की मनाही है। इस बार पंचक 5 जून से शुरु हो रहे हैं।
ज्योतिषचार्यों के अनुसार पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इस बार 5 जून को शाम 4 बजकर 35 मिनट से शुरु हो रहे है। जो कि 9 जून रात 22 बजकर 11 मिनट तक समाप्त हो जाएंगे।
इस बार मंगलवार के दिन से शुरु होने के कारण अग्नि पंचक पड़ रहा है। जिसके कारण आग से होने वाले नुकसान अधिक होते है। जानिए कितने प्रकार के होते है और किन कामों को पंचक के दिनों में नहीं करना चाहिए।
मृत्यु पंचक
शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते है। इस पंचक में शादी जैसे शुभ काम करने की मनाही होती है। इस पंचक में कोई भी ऐसे काम नही करना चाहिए जोखिम भरे हो। ऐसा करने से जान माल का नुकसान हो सकता है।
अग्नि पंचक
मंगलवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते है। इस पंचक में घर का निर्माण या फिर ग्रह प्रवेश की मनाही होती है। लेकिन इस पंचक में कोर्च से संबंधिक कोई विवाद हो तो उसे किया जा सकता है। इल पंचक में आग का डर रहता है।
रोग पंचक
यह पंचक पांच दिनों के लिए शारीरिक और मानसिक कष्ट देने वाला होता है। इस पंचक में यज्ञोपवीत भी नही किया जाता है। हर शुभ काम की मना ही होती है। यह पंचक रविवार से शुरू होता है।
चोर पंचक
शुक्रवार को शुरू होने वाले पचंक को चोर पंचक कहते है। इस दिन यात्रा करने की मनाही होती है। साथ ही इस दिनों में व्यापार लेन देन की भी मनाही होती है। अगर इस दिन मनाही वाले काम करते है तो आपको धन की हानि होती है।
नृप पंचक
यह पंचक सोमवार से शुरु होता है। इसमें भी कोई भी नई नौकरी ज्वाइन नही करना चाहिए। अशुभ माना जाता है। इस दिनों में सरकारी नौकरी के लिए शुभ माना गया है। अगर आपकी सरकारी नौकरी है तो आपको फायदा हो सकता है।
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