Nirjala Ekadashi 2019: निर्जला एकादशी के दिन शाम तक न करें ये काम
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और गुरुवार का दिन है। आपको बता दूं कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है।
धर्म डेस्क: ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और गुरुवार का दिन है। आपको बता दूं कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। साथ ही इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। प्रत्येक महीने में दो एकादशियां होती हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। प्रत्येक एकादशी में भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने और उनकी पूजा करने का विधान है। एकादशी का व्रत रखने से श्री हरि अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
सभी एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की इस निर्जला एकादशी का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। निर्जला एकादशी में निर्जल, यानी बिना पानी पिए व्रत करने का विधान है। इस एकादशी का पुण्य फल प्राप्त होता है। कहते हैं जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों पर व्रत नहीं कर सकता, वो इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ भी उठा सकता है। एकादशी के दिन कई ऐसे काम है जो नहीं करना चाहिए। जानिए एकादशी के दिन कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए।
एकादशी पर कभी भी दातुन से दांत साफ नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एकादशी वाले दिन किसी पेड़ की टहनियों को तोड़ने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं।
एकादशी दिन आलस्य करना वर्जित माना जाता है। इसलिए बिल्कुल न करें।
एकादशी की रात बिस्तर में नहीं सोना चाहिए। इससे आपको व्रत का फल नहीं मिलेगा।
कभी भी पूजा करते समय चावल का इस्तेमाल न करें। उसकी जगह तिल का करें इस्तेमाल करें। शास्त्रों के अनुसार एकादशी में चावल का सेवन करने से मन में चंचलता आती है
जिसके कारण मन भटकता है इसलिए चावल खाने से बचना चाहिए।
भगवान विष्णु को भोग तुलसी दल के साथ लगाएं।
एकादशी दिन किसी को गलत न बोले, अपने मन को शांत रखें। इसके साथ ही नशीली चीजों का सेवन करना से बचना चाहिए।
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