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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र साल 2016: वृश्चिक राशि वालों के लिए कुछ ऐसा रहेगा नया साल

साल 2016: वृश्चिक राशि वालों के लिए कुछ ऐसा रहेगा नया साल

धर्म डेस्क: वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है इस कारण आपके भीतर मंगल की प्रवृति पाई जाती है, बलशाली व साहसी व्यक्ति होते हैं।इस राशि का प्रतीक चिन्ह एक बिच्छू है और

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आमदनी के स्रोतों में बढ़ोत्तरी होगी। धन स्थान का स्वामी अचानक सम्पत्ति दिलाने के भी योग बना सकता है। साल के आखिरी तीन महीनों में वित्त संबंधी मामलों में आपको संतुष्टि मिलेगी।

विलास की वस्तुओं की प्राप्ति हो सकती है, बोनस इत्यादि भी मिल सकता है। आप अपने कामों में आगे बढ़ते हुए खूब सारा पैसा और सम्मान पाने वाले हैं। आपको इस समय अपने भाई-बहनों की मदद करनी पड़ सकती है इसलिए हिचकिचाएं नहीं और खुले दिल के साथ दूसरों की मदद करने से आपकी रुकावटें दूर होंगी ।

आपका भाग्य भी आपका साथ देगा। परिवार में होने वाले कार्यक्रमों में भी आपका कुछ धन व्यय हो सकता है लेकिन आप उसकी पूर्ति करने में सफल रहेंगे।

करियर के नजरिए से

वर्ष का आरंभ समय परेशानी वाला सिद्ध हो सकता है। आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं तो आपका बॉस भी आपसे इस समय नाखुश रह सकता है। आपके लिए उचित यही होगा कि आप हड़बड़ी ना मचाएं और धैर्य के साथ अपनी कमियों और जरूरतों को समझने का प्रयास करें कि कहां, क्या गड़बड़ है और आप उसे कैसे ठीक कर सकते हैं।

व्यापार से

व्यापार से जुडे़ लोगों के लिए यह समय अनुकूल नहीं है। इस समय आपको अपने काम पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। वर्ष के आरंभ में आप अपने व्यवसाय में कुछ कुचालें भी चल सकते हैं। कूटनीति के साथ काम ले सकते हैं। साझेदारी में व्यवसाय करने वाले अधिक सतर्क रहें।

यदि आपका व्यवसाय विदेशों से भी है तो आपको वहां से लाभप्राप्त हो सकता है। राजनीति से जुड़े लोगों के लिए कुछ अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आपको अच्छे मौके मिल सकते हैं।

हेल्थ और फिटनेस के नजरिये से

जनवरी से मार्च तक पाप ग्रहों के प्रभाव स्वरूप आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।  यह वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से ज्यादा अच्छा नहीं है क्योंकि आपकी साढ़ेसाती का प्रभाव भी बना रहेगा जिससे आपके कामों में रुकावट अथवा बाधा होने से आप मानसिक रूप से ग्रस्त रह सकते हैं और यही मानसिक परेशानी आपकी शारीरिक परेशानी का कारण बन सकती है।

साल के आखिरी भाग में आपके स्वभाव में क्रोध की अधिकता बढ़ सकती है, जिस कारण आप मन से खिन्न रह सकते हैं। आपके पिता का स्वास्थ्य भी बाधित हो सकता है।  शत्रुओं की चालें आपको मन से थका सकती हैं जिस कारण आप अपने स्तर का प्रदर्शन करने में रुकावट का अनुभव कर सकते हैं।

प्रेम संबंधों के लिए

वर्ष की पहली तिमाही को अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। दूसरी तिमाही में भी बनाये गये प्रेम संबंध आपके लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं। मई में समय आपके मनोनुकूल रहेगा और इस समय आप अपने प्रेम का इजहार कर सकते हैं। तीसरी तिमाही प्रेम संबंधों के लिए बहुत अच्छा रहने की संभावना बन रही है। विवाहितों के विवाहोत्तर प्रेम संबंध बनने की भी संभावना है।

इसलिए आप जो भी करें उसके परिणामों को मद्देनजर रखते हुए ही करें। अक्तूबर से दिसंबर तक का समय कुछ उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।  प्रेम संबंधों को बनाए रखने के लिए आपको दिसम्बर में अनेकों बार प्रयास करने पड़ सकते हैं।

विद्यार्थियों के लिए

वर्ष की पहली तिमाही का आरंभतो आपके लिए अनुकूल रहेगा और वह अपने शैक्षणिक क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर के दिखाएंगे। दूसरी तिमाही का आरंभनकारात्मक रहेगा लेकिन उसके बाद आप कुछ राहत महसूस कर सकते हैं। आवारा किस्म के बच्चों के साथ अपना कीमती समय नष्ट न करें। तीसरी तिमाही के इस भाग में आपकी हरकतों की खबर आपके माता-पिता तक जा सकती है। आप अपनी हरकतों पर शर्मिंदा भी रह सकते हैं और पछतावे का अहसास भी हो सकता है। साल के आखिरी तीन माह में आप पढ़ाई का दबाव बढ़ा रहेगा।

उपाय -  आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है इसलिए आपको शनि से संबंधित मंत्र जाप अवश्य करने चाहिए।  आप हर शनिवार को संध्या समय में, जब सूरज छिप चुका हो लेकिन अंधेरा ना हुआ हो, पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए. यह तेल और दीपक आप अपने घर से लेकर जाएं, शनिवार के दिन खरीदें नहीं।

दीपक जलाने के बाद पेड़ की परिक्रमा सात बार करें।  यदि आप शाम को नहीं जा सकते हैं तब आप सुबह के समय में भी जा सकते हैं। सुबह के समय सूरज निकलने से पहले लेकिन जब अंधेरा ना हो तब आप एक लोटे में जल लें और उसमें काले तिल या साबुत उड़द के दाने डालकर पीपल की जड़ में दें और जहाँ मिट्टी गीली हो जाएगी वहाँ से मिट्टी का तिलक अपने माथे पर कर लें।  इसके साथ ही आप शनिवार के दिन एक माला शनि मंत्र की करें।

शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ सात बार करना चाहिये।

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