साल 2016: तुला राशि वालों के लिए कुछ ऐसा रहेगा नया साल
धर्म डेस्क: तुला राशि के स्वामी शुक्र है तथा यह चर राशि है। शुक्र के प्रभाव स्वरूप जातक में कोमलता का भाव देखा जा सकता है। इससे प्रभावित होने पर आप शांतिप्रिय, न्यायवादी तथा संतुलित
आपका धन फ्लैट खरीदने में निवेश हो सकता है लेकिन आप पहले देख भाल लें कि बिल्डर कितने वर्ष का लक्ष्य आपको दे रहा है, उसके बाद ही निवेश करें। यदि आपने पैसों का निवेश बिना सोचे विचारे यदि फ्लैट अथवा जमीन आदि में कर दिया है तब आपको उसके लिए पछताना पड़ सकता है। वर्ष के अंत समय में कुछ राहत मिलने की संभावना बनती है।
शत्रु आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। जनवरी , मार्च और अप्रैल यात्रा की दृष्टि से अनुकूल है फरवरी और अक्टूबर में यात्रा न करें। मई जून में आप परिवार के साथ किसी हिल स्टेशन पर घूमने जाने का कार्यक्रम भी बना सकते हैं।
करियर और प्रोफेशन की दृष्टि से
तुला राशि वालों के लिए जनवरी से मार्च तक की तिमाही औसत स्तर की ही रहने वाली हो सकती है। इसके विपरीत अप्रैल से जून के बीच कई प्रकार के बदलाव देखने पड़ सकते हैं। दो ग्रहों की एक दूसरे पर दृष्टि के प्रभाव स्वरूप आप अपने क्षेत्र में अनुकूल फलों को प्राप्त करने में कुछ कमी का अनुभव कर सकते हैं. परंतु फिर भी कहीं-कहीं से कुछ सुधार की स्थिति बन ही जाएगी।
दो ग्रहों की उच्च स्थिति के कारण व्यवसायिक लाभबाधित होकर प्राप्त हो सकेंगे। जुलाई से सितंबर के बीच अभी तक की परेशानियों पर विराम लग सकता है। इसी दौरान ट्रैवल भी कर सकते हैं। विदेश जाने के मौके भी मिल सकते हैं। साल के अंतिम तीन महीनों में आपके पास काम की अधिकता होगी। कर्म भाव पर ग्रहों की दृष्टि अस्थिरता को दिखाती है, बदलाव होने की संभावना बनी हुई है। कारोबार में तेजी आने वाली है।
व्यापार से
संबंधित प्रोजेकट रुक सकते हैं या उनमें कोई अडंगा डाल सकता है। लेकिन जल्द ही परेशानियां दूर हो जाएंगी आपको मुनाफा भी मिलने की उम्मीद बंधती है। साल की तीसरी तिमाही में आपको लोन लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। आप नौकरी में परेशानी का अनुभव कर सकते हैं इसलिए आप अपने लिए किसी नई नौकरी को ढूंढने के बारे में सोच सकते हैं।
साल के आखिरी तीन महीने के दौरान आप अपने काम के सिलसिले में विदेश यात्रा भी कर सकते हैं। इस माह में अधिक जोश दिखाना आपके लिये व्यवसायिक क्षेत्र में विवाद की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। साल के अंत तक काम में उन्नति मिल सकती है ।
हेल्थ और फिटनेस के नजरिये से
साल के पहले तीन माह परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जननेन्द्रियों से संबंधित परेशानी हो सकती है इसलिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। आप यदि हृदय के मरीज हैं तब आपको दूसरी तिमाही के आरंभसे ही समय रहते अपना चेक-अप करा लेना चाहिए।
यदि आप ह्रदय रोग के मरीज नहीं भी है तब भी आपको अपना ध्यान इस समय में रखना होगा और अधिक आवेशी या आवेगी नहीं बनना चाहिए। यदि आप पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं तब आपको जुलाई से सुधार नजर आएगा और आप राहत की सांस ले पाएंगे।
जो नवविवाहित हैं उन्हें साथी से संबंध बनाने कुछ परेशानी का अनुभव हो सकता है बेहतर है बिना किसी हिचक के आप किसी अनुभवी चिकित्सक की सलाह लें। साल की आखिरी तिमाही के पहले भाग में उन महिलाओं को अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए जिन्होंने अभी-अभी हाल में ही गर्भधारण किया है ।
प्रेम संबंधों के नजरिये से
साल की पहली तिमाही को बहुत अच्छा नही कहा जा सकता है। दूसरी तिमाही प्रेम संबंधों के लिए अनुकूल कही जा सकती है। जिन लोगो के प्रेम संबंधों में पहले से ही तकरार चली आ रही है तीसरी तिमाही में वह टूटने की कगार पर पहुंच सकते हैं। साल की आखिरी तिमाही का यह भाग प्रेम संबंधों के लिए अनुकूल नहीं है।
आपके इस समय झगड़े बढ़ सकते हैं और जो लोग अभी-अभी किसी को पसंद कर रहे हैं और प्रेम की अभिव्यक्ति करना चाह रह हें उन्हें रुक जाना चाहिए। इस समय की प्रेम की अभिव्यक्ति से आपको ना सुनने को मिल सकती है । प्रेम संबंधों में दिखावा हो सकता है अथवा प्रेमी से धोखा मिल सकता है। इसलिए पहले अपने प्रेमी के बारे में जानकारी हासिल करें फिर आगे बढ़े।
विद्यार्थियों के लिए
वर्ष की पहली तिमाही अनुकूल है। आपका मन पढ़ाई की ओर लगा रहेगा। आपमें अपने कलात्मक गुणों को निखारने का भी मौका मिल सकता है। साल की दूसरी तिमाही में आपको रूकावटों का सामना करना पड़ सकता है। नीच के बुध के साथ सूर्य की स्थिति आपकी बुद्धि और वाणी को प्रभावित करने वाली रह सकती है।
आपको स्वयं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है तभी आप अपनी स्थिति पर खरे उतर सकते हैं। तीसरे तिमाही में आपको व्यर्थ के क्रोध से बचना चाहिए तथा शांत रूप से सभी बातों को समझने की कोशिश करनी चाहिए अन्यथा आपकी पढाई प्रभावित हो सकती है। साल की आखिरी तिमाही के आते-आते विद्यार्थी वर्ग को राहत की प्राप्ति हो सकेगी। पढ़ाई द्वारा सफलता और सम्मान की प्राप्ति हो सकेगी।
उपाय - आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव अपने पीक (चरम) पर रहेगा, इसलिए शनिदेव को शांत रखने का प्रयास करें और प्रतिदिन संध्या समय में 11 बार शनि मन्त्र का पाठ करें लेकिन यह पाठ रविवार के दिन ना करें। इसके साथ ही आपको प्रत्येक बुधवार के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए।