katyayni maa
- ऊँ ह्रीं कात्यायनि स्वाहा' इस मंत्र के जप से आपके जीवन में चल रही सारी परेशानियों का अन्त होगा। आपके दाम्पत्य संबंधों की ऊष्मा बढ़ेगी और आपके रिश्तों में मजबूती आयेगी। इस मंत्र का जप करने के लिये सबसे पहले पीठ पर नव पीठशक्तियों की पूजा करें। फिर तांबे के बर्तन पर लाल चन्दन से देवी का यन्त्र लिखें, अगर तांबे का बर्तन उपलब्ध न हो तो एक सफेद, कोरे कागज़ पर लाल पेन से देवी मां का यन्त्र लिखकर, उसकी स्थापना करें। फिर उस यंत्र पर पुष्प अर्पित करें। फिर देवी के मंत्र- 'ऊँ ह्रीं कात्यायनि स्वाहा' को बोलते हुए देवी मां के स्वरूप का ध्यान करें और फिर से पुष्पांजलि अर्पित करके विधि-विधान से पूजा करें।
इस तरह पूजा के बाद मंत्र का जप आरंभ करना चाहिए। वैसे तो मां कात्यायनी के इस आठ अक्षरों के मंत्र का पुरश्चरण एक लाख जप है, लेकिन नवरात्र के दौरान अगर आप इस मंत्र का ग्यारह सौ बार भी जप करेंगे, तो आपके जीवन में चली आ रही परेशानियों का अंत होगा। लेकिन अगर किसी मजबूरी वश आप ग्यारह सौ बार मंत्र जप नहीं कर सकते तो आज केवल 108 मंत्रों का ही जप कर लें। इससे भी आपकी परेशानियों का हल जल्द ही निकलेगा।
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