Navratri 2021: नवरात्रि के छठे दिन होगी मां कात्यायनी की पूजा, इन मंत्रों का जाप करके समस्याओं से पाएं निवारण
शारदीय नवरात्र के दौरान षष्ठी तिथि को देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी।
शारदीय नवरात्र के दौरान षष्ठी तिथि को देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी। दरअसल, आश्विन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और सोमवार का दिन है। षष्ठी तिथि आज रात 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। आज दोपहर पहले 11 बजकर 50 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए मां कात्यायनी के मंत्र और समस्याओं का निवारण करने वाले उपायों के बारे में।
कैसे पड़ा मां कात्यायनी नाम?
ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने के कारण देवी मां को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। मां दुर्गा का ये स्वरूप अत्यन्त ही दिव्य है। इनका रंग सोने के समान चमकीला है, तो इनकी चार भुजाओं में से ऊपरी बायें हाथ में तलवार और निचले बायें हाथ में कमल का फूल है। जबकि इनका ऊपर वाला दायां हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे का दायां हाथ वरदमुद्रा में है।
मां कात्यायनी की उपासना से दूर होता है डर, विवाह संबंधी अड़चनें भी होती हैं खत्म
मां कात्यायनी की उपासना से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या डर नहीं रहता और उसे किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता। सबसे बड़ी बात, देवी मां की उपासना उन लोगों के लिये बेहद ही लाभकारी है, जो बहुत समय से अपने लिये या अपने बच्चों के लिये शादी का रिश्ता ढूंढ रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा अगर आप भी इस तरह की समस्याओं से परेशान हैं, तो आपको मां कात्यायनी की उपासना जरूर करना चाहिए।
मां कात्यायनी मंत्र
पूजा के दौरान आप इस मंत्र का 11 बार जप अवश्य करे। मंत्र है-
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
विवाह संबंधी अड़चनें दूर करने के मंत्र और उपाय
आपकी कन्या के विवाह में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो आज मां कात्यायनी के इस मंत्र का 11 बार जप करें। इस मंत्र के जप से कन्या के विवाह में आ रही परेशानी जल्द ही दूर होगी। मंत्र है-
ऊँ क्लीं कात्यायनी महामाया महायोगिन्य घीश्वरी।
नन्द गोप सुतं देवि पतिं मे कुरुते नमः।।
अगर आपको अपने लिये एक सुन्दर पत्नी की तलाश है तो आज आप इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र है-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्त अनुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।