Navratri 2018: 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे है शारदीय नवरात्र, इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना
अश्विन माह में पड़ने वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हर साल 2 मुख्य नवरात्र के अलावा गुप्त नवरात्रि भी होती है। जिसके बारें में शास्त्रों में उल्लेख किया गया है। इस बार शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरु हो रहे है।
धर्म डेस्क: अश्विन माह में पड़ने वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हर साल 2 मुख्य नवरात्र के अलावा गुप्त नवरात्रि भी होती है। जिसके बारें में शास्त्रों में उल्लेख किया गया है। इस बार शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरु हो रहे है।
10 अक्टूबर से 19 अक्टूबर कर शारदीय नवरात्रि चलेंगे। इसके बाद दशहरा आएगा। जिसे विजयदशमी के नाम से जाना जाता है। इन नौ दिनों में भक्तगढ़ भक्तिभाव के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर उनकी कृपा पाने की कोशिश करते है। (Navratri 2018: जानें नवरात्र में किस दिन किस रंग के कपड़ा पहनना होगा शुभ)
आपको बता दें कि इस बार मां दुर्गा नाम में सवार होकर आएगी। वहीं गाथी में बैठकर प्रस्थान करेगी। (Navratri 2018: नवरात्रि के अवसर पर अपने प्रियजनों को WhatsApp, Facebook, sms पर मैसेज भेजकर दें बधाई )
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, बुधवार और चित्रा नक्षत्र के साथ ही वैधृति योग रहेगा। वैधृति योग आज दोपहर पहले 11:58 तक रहेगा। उसके बाद विषकुम्भ योग लग जायेगा। शास्त्रों के अनुसार किसी भी शुभ काम के लिये वैधृति योग सम्पूर्ण त्याज्य है। अतः दोपहर पहले 11:58 तक कलश स्थापना सम्पूर्ण त्याज्य है। उसके बाद विषकुम्भ योग लग जायेगा, जिसकी प्रथम 5 घटिकाएं त्याज्य हैं। आपको बता दूं एक घटी चौबीस मिनट की होती है और 5 घटी का मतलब पूरे-पूरे 2 घंटे, यानी कि दोपहर पहले 11:58 से लेकर 2 घंटे और, यानी कि दोपहर 01:58 तक आप कलश नहीं रख सकते। अब बचा दोपहर 01:58 के बाद का समय। क्योंकि आज राहुकाल दोपहर 12:08 से 01:35 तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 03:02 से शाम 04:29 तक चर की चौघड़िया। उसके बाद शाम 04:29 से 05:53 तक लाभ की चौघड़िया रहेगी।
कलश की स्थापना
कुछ विद्वान अभिजीत मुहूर्त को निर्दोष मानकर अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना की सलाह देते हैं। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर पहले 11:50 से दोपहर 12:22 तक रहेगा, लेकिन ध्यान रहे कि दोपहर पहले 11:58 तक तो वैधृति योग रहेगा और दोपहर 12:08 से राहुकाल भी शुरू हो जायेगा, तो जो लोग कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त का प्रयोग करना चाहते हैं, उनके लिये उचित है कि वो दोपहर पहले 11:58 से दोपहर 12:08 के बीच स्थापना कर लें और जप या पूजा की शुरुआत भी दोपहर 12:08 के पहले ही कर दें। लेकिन इस सारी कार्यवाही में ये जरूर बता दूं कि प्रतिपदा तिथि आज सुबह 07:26 पर ही समाप्त हो चुकी है। फिलहाल द्वितीया तिथि चल रही है। प्रतिपदा तिथि में वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र था, जो कि स्थापना के लिए पूर्णतया त्याज्य है। फिलहाल द्वितीया तिथि में भी वैधृति, विषकुम्भ और चित्रा नक्षत्र का व्यवधान है। फिर से बता दूं कि वैधृति योग आज दोपहर पहले 11:58 तक रहेगा, उसके बाद विषकुम्भ योग लगेगा और चित्रा नक्षत्र दोपहर पहले 11:01 तक रहेगा।
10 अक्टूबर को कलश स्थापना के लिये सबसे अच्छा मुहूर्त
शाम 04:29 से 05:53 होगा क्योंकि उस समय लाभ की चौघड़िया और द्वि स्वभाव लगन मीन शाम 04:25 से 05:57 तक रहेगी। दूसरा अच्छा मुहूर्त दोपहर 03:02 से शाम 04:29 तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त का लाभ उठाने की इच्छा रखने वाले लोग दोपहर पहले 11:58 से दोपहर 12:08 के बीच कलश स्थापना करके पाठ की शुरुआत भी दोपहर 12:08 के पहले ही कर लें।
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की तिथि
10 अक्टूबर, प्रतिपदा - बैठकी या नवरात्रि का पहला दिन- घट/ कलश स्थापना - शैलपुत्री
11 अक्टूबर, द्वितीया - नवरात्रि 2 दिन तृतीय- ब्रह्मचारिणी पूजा
12 अक्टूबर, तृतीया - नवरात्रि का तीसरा दिन- चंद्रघंटा पूजा
13 अक्टूबर, चतुर्थी - नवरात्रि का चौथा दिन- कुष्मांडा पूजा
14 अक्टूबर, पंचमी - नवरात्रि का 5वां दिन- सरस्वती पूजा, स्कंदमाता पूजा
15 अक्टूबर, षष्ठी - नवरात्रि का छठा दिन- कात्यायनी पूजा
16 अक्टूबर, सप्तमी - नवरात्रि का सातवां दिन- कालरात्रि, सरस्वती पूजा
17 अक्टूबर, अष्टमी - नवरात्रि का आठवां दिन-महागौरी, दुर्गा अष्टमी ,नवमी पूजन
18 अक्टूबर, नवमी - नवरात्रि का नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्रि पारण
19 अक्टूबर, दशमी - दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी
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