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नवरात्र का आखिरी दिन, ऐसे पूजाकर करें मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न

आज के दिन नौ दिवसीय नवरात्र पूजा सम्पूर्ण हो जायेगी। आज नवरात्र के आखिरी दिन मां दुर्गा की नौवीं और अलौकिक शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा की जायेगी। इनकी पूजा से व्यक्ति हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त कर सकता है।

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धर्म डेस्क: आज नवरात्र का नौंवा दिन है। इसे महानवमी के नाम से जाना जाता है। आज के दिन नौ दिवसीय नवरात्र पूजा सम्पूर्ण हो जायेगी। आज नवरात्र के आखिरी दिन मां दुर्गा की नौवीं और अलौकिक शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा की जायेगी। इनकी पूजा से व्यक्ति हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त कर सकता है। मार्केण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व कुल आठ सिद्धियां हैं। देव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इन्हीं की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था। साथ ही जानकारी के लिये बता दूं कि शिव जी के जिस अर्द्धनारीश्वर रूप की बात कही जाती है, उसमें नारी के रूप में मां सिद्धिदात्री ही विराजित हैं।

देवी के इस अंतिम रूप को नवदुर्गाओं में सबसे श्रेष्ठ व मोक्ष देने वाली दुर्गा माना गया है। माना जाता है कि केवल मां की पूजा सच्चे मन से करने से आपको पूरी 9 देवियों की कृपा मिलती है। (Dussehra 2018: जानें कब मनाया जाएगा दशहरा या विजयादशमी, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त)

ऐसा है मां का स्वरुप
यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा व सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं। आज के दिन पूजा करने से पूरी निष्ठा से साधना करने वाले व्यक्ति को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। (Maha Navami 2018: महानवमी के दिन पाना चाहते है विशेष फल, तो इन मंत्रों के उच्चारण के साथ करें हवन )

इस मंत्र से करें देवी का पूजन
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैररमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

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ऐसे करें हवन
इस दिन हवन जरुर करें। जिससे कि हर देवी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। इस दिन जो आप हवन करें। उस सामग्री में जौ और तिल अवश्य मिलाएं। इसके बाद कन्या पूजन भी करें।

नवरात्र के आखिरी या फिर नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए नवान्न (नौ प्रकार के अन्न) का प्रसाद, नवरस युक्त भोजन तथा नौ प्रकार के फल-फूल आदि का अर्पण करना चाहिए। इस प्रकार नवरात्र का समापन करने से इस संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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