Navratri 2018: इस बार छठे दिन होगी मां कालरात्रि की पूजा, इन मंत्रों का करें प्रयोग
नवरात्र की धूम हर जगह मची है। पूरे भारत में खासकर नॉर्थ इंडिया में नवरात्र की लहर है। नवरात्र के छठे दिन इस बार मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क: नवरात्र की धूम हर जगह मची है। पूरे भारत में खासकर नॉर्थ इंडिया में नवरात्र की लहर है। नवरात्र के छठे दिन इस बार मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अविवाहित कन्याएं अगर मां कालरात्रि देवी की पूजा करती हैं, तो उनके विवाह का योग जल्दी बनता है। नवरात्रि (Navratri 2018) का शुभारंभ हो चुका है। साथ ही यह धीरे-धीरे अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच रहा है। इस खास दिन अखंड ज्योति जलाते हैं। नौ दिनों का उपवास रखते हैं। इस बार नवरात्र 10 अक्टूबर से शुरू हुआ। कहा जाता है कि नवरात्रि में रंगों का भी विशेष महत्व होता है। इस बार मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा में विशेष रंग के कपड़े धारण कर मां दुर्गा की पूजा करें। नौ दिनों में नौ रंगों के कपड़े पहनने और मां की पूजा करने का खास महत्व है।
दुर्गा का सातवां रूप है मां कालरात्रि। 7वें नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए मां कालरात्रि के रूप को उत्पन्न किया। मां के इस रूप की पूजा करने से बुरे समय का नाश होता है. और इनकी कृपा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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मां कालरात्रि पूजा विधि: नवरात्र में 7वें दिन और दिन से पूजा थोड़ी अलग होती है। इस दिन रात के समय पूजा का विधान एक दम रोज से भिन्न होता है। कहा जाता है इस दिन मदिरा अर्पित की जाती है. सप्तमी की रात सिद्धियों की रात भी कहा जाता है।
मां कालरात्रि की उत्पत्ति की कथा: कहा जाता है तीनों लोकों में असुरों ने हाहाकार मचा रखा था। इससे लोग बेहद परेशान थे। जिसके लिए सभी देवतागण मां दुर्गा के पास गए। तभी भगवान शिव ने मां दुर्गा से सभी भक्तों की रक्षा करने के लिए कहा। तब मां दुर्गा ने अन्य रूप धारण कर असुर रक्तबीज का वध किया। मां दुर्गा के इसी रूप को मां कालरात्रि कहा गया।(Navratri 2018: नवरात्र में घर के मुख्य द्वार पर लगाएं तोरण, फिर देखें कमाल)
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मां कालरात्रि पूजा में इस मंत्र का जाप करें: एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥ सप्तमी नवरात्रि पर मां को खुश करने के लिए गुड़ या गुड़ से बने व्यंजनों का भोग लगा सकते हैं. ऐसा करने दरिद्रता का नाश होता है. मां को गुड़ का भोग लगाएं.
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