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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र नागपंचमी: नागों की जीभ के दो टुकड़े होने का है ये कारण, जानिए और भी दिलचस्प बातें

नागपंचमी: नागों की जीभ के दो टुकड़े होने का है ये कारण, जानिए और भी दिलचस्प बातें

महाभारत के आदि पर्व में नागों की उत्पत्ति और राजा जनमेजय द्वारा किए गए नागदाह यज्ञ से संबंधित कथा का वर्णन है। जानिए नाग के बारें में कुछ रोचक बातों बारें में।

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इस कारण इस राजा ने किया नागदाह यज्ञ

नागराज वासुकि की बहन मनसादेवी की विवाह  की उम्र होने पर उन्होनें उसकी शादी ऋषि जरत्कारू से करवा दिया। कुछ समय बाद मनसादेवी को एक पुत्र हुआ, इसका नाम आस्तिक रखा गया। यह बालक नागराज वासुकि के घर पर ही पला। च्यवन ऋषि ने इस बालक को वेदों का ज्ञान दिया।

उस समय पृथ्वी पर राजा जनमेजय का शासन था। जब राजा जनमेजय को यह पता चला कि उनके पिता परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग द्वारा काटने से हुई है तो वे बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने नागदाह यज्ञ करने का निर्णय लिया।

जब जनमेजय ने नागदाह यज्ञ प्रारंभ किया तो उसमें बड़े-छोटे, वृद्ध, युवा सर्प आ-आकर गिरने लगे। ऋषि मुनि नाम ले लेकर आहुति देते और भयानक सर्प आकर अग्नि कुंड में गिर जाते। यज्ञ के डर से तक्षक देवराज इंद्र के यहां जाकर छिप गया।

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