नागपंचमी: तो इसलिए मनाई जाती हैं?
नागपंचमी आने वाली है और इस दिन भगवान शंकर के गले में सजने वाले नागों की पूजा की जाती है। तो आईए हम आपको बताते हैं कि, इसके पीछे क्या खास कारण
नई दिल्ली: नागपंचमी आने वाली है और इस दिन भगवान शंकर के गले में सजने वाले नागों की पूजा की जाती है। तो आईए हम आपको बताते हैं कि, इसके पीछे क्या खास कारण हैं जो लोग नागपंचमी वाले दिन नाग की पूजा करते हैं।
नागपंचमी का व्रत
जो कोई भी नागपंचमी का व्रत रखता है, उसे शुभ फल मिलता है और नागपंचमी वाले दिन नागों को दूध पिलाने से सभी बड़े-बड़े नागों से अशीर्वाद मिलता है तथा उनके परिवार को सर्प से भय नहीं रहता घर में सुखशांती बनी रहती हैं घर की नीरवता के लिए नागपंचमी की पूजा करना फलदायक माना जाता हैं।
5 सर्प की पूजा
नागपंचमी पर खासकर 5 पौराणिक सर्प की पूजा की जाती हैं, जिनके नाम अनंत, तक्षक, वासुकि, पिंगल, कर्कोटक हैं। माना जाता है कि, ब्रह्माजी से मिले वरदान से पंचमी के दिन नागों की रक्षा किए जाने के लिए पंचमी-तिथि नागों को समर्पित है।
सांपों को दूध पिलाना ठीक नहीं
लेकिन अंधविश्वास में आकर लोग नागपंचमी पर सांपों को दूध पिलाते हैं। यह ठीक नहीं हैं क्योंकि सांप दूध नहीं पीते सांपों को जबरदस्ती दूध पिलाने के लिए सपेरे कई दिनों पहले उनको भोजन देना बंद कर देते हैं, फिर भूख-प्यास मिटाने के लिए सांप नागपंचमी को दिया जाने वाला दूध पी तो लेते पर उसके बाद पाचन न होने से या एलर्जी के कारण उनकी मृत्यु होने की आशंका रहती हैं।
सांप किसानों के मित्र
सांप खेतों में रहकर अनाज को नुकसान पहुंचाने वाले चूहों को खा जाते हैं, इसलिए उन्हें किसानों का मित्र या क्षेत्रपाल भी कहा जाता है। इसलिए नागपंचमी का त्योहार प्रासंगिक है। यह भी माना जाता है कि, नागपंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कालियमर्दन लीला हुई थी। इसलिए भी नागपंचमी को मनाया जाता हैं।नागजाति का काफी लंबा इतिहास रहा है, क्योंकि यह भारत से लेकर चीन तक फैला हुआ हैं। चीन में आज भी महानाग यानी के ड्रैगन की पूजा की जाती है और उनका राष्ट्रीय चिन्ह भी यही ड्रैगन है।