धर्म डेस्क: हिंदू पंचाग के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। वैसे तो हर पंचमी पर नागों की पूजा होती है पर सावन के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पंचमी को विशेष तौर पर मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी में बहुत ही शुभ संयोग है। जिसमें नाग देवता को दूध पिलाना और विधि-विधान से पूजा करना बहुत ही शुभ होगा। इस बार नाग पंचमी 28 जुलाई, गुरुवार को है। (हरितालिका तीज 26 को: अखंड सौभाग्य के लिए विधि-विधान के साथ इस शुभ मुहूर्त में रखें व्रत)
ज्योतिषचार्य के अनुसार इस बार नाग पंचमी सुबह सात बजकर 2 मिनट पर कर्क लग्न में शुरू हो रही है। जो कि 7 बजकर 14 मिनट पर कर्क लग्न समाप्त हो रहा है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र वीरवार की रात को 4 बजकर 39 मिनट पर समाप्त हो रही है। (इस बार रक्षाबंधन में ग्रहण का काला साया, इस मुहूर्त में ही बांधे भाई को राखी)
इस बार नाग पंचमी को लकर बहुत सारी मान्यताएं है। इसके साथ ही इस बार नाग पंचमी बहुत ही शुभदायक है। पंचमी तिथि का देवता सर्प है। राहु सर्प का स्वरूप है। लग्न का स्वामी चंद्रमा बुध के साथ है। लग्न में उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी मंगल के साथ होने से सर्पयोग बन रहा है। इस प्रकार के योग में सर्प देवता का पूजन करने से सर्पदंश का भय नहीं रहता।
इस दिन नाग को दूध पिलाने की है पंरपरा
नाम पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने का विधान है। इस दिन पूजा के साथ-साथ नाग को दूध भी पिलाया जाता है।
इस राशि के जातक जरुर करें पूजा
आचार्यों के बीच इस बारें में मत है कि यदि आपकी कुंडली में राहु और केतु अपनी नीच राशियों वृश्चिक, वृष, मिथुन में है तो उन्हें नाग पंचमी में जरुर पूजा करनी चाहिए। माग देवता दत्तात्रेय के 24 गुरुओं में से एक थे।
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