- यह मूर्ति अपने आप में अनोखी है। वैसे तो यह मूर्ति मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित है, लेकिन इसे मंदिर के बाहर से देखने में ये मंदिर के दाईं ओर देखेंगे, जो कि एक चमत्कार है।
- भगवान की ठोड़ी में चंदन लगाने की शुरुआत भी अनोखे तरीके से हुई। इसके पीछे मंदिर के दाई और रखी एक छड़ी है। इसके अनुसार बचपन में इस छड़ी का इस्तेमाल भगवान को मारने में किया जाता था, लेकिन एक बार उनकी ठोड़ी में छड़ी से चोट लग गई। जिसे चंदन से सही हुआ। इसी कारण ये शुरुआत हुई।
- हर गुरुवार के दिन भगवान की मूर्ति को सफेद चंदन का लेप लगाया जाता है, लेकिन जब इस लेप को हटाया जाता है, तो मूर्ति में माता लक्ष्मी के चिन्ह बने रहते हैं।
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