इस पर सीता ने उन्हें जवाब दिया कि वह अपने पति श्रीराम की लंबी उम्र की कामना में सिंदूर लगाती हैं। जिससे कि उनके पति दीर्घायु बने रहें। हनुमान ने यह सुना क्या वह अंदर गएं और अपने पूरें शरीर में सिंदूर लगाकर आ गए। तभी वहां पर श्री राम आ गए जब राम और सीता ने यह देखा तो वह अचंभित हो गए। उनके समझ में नही आया कि हनुमान ने यह क्या किया।
जब माता सीता ने इसका कारण पूछा तो बडे ही प्यार से जवाब दिया कि वह अपने प्रभु श्री राम की आयु को बढानें के लिए पूरे शरीर में सिंदूर लगाया जिससे मेरें प्रभु युगों तक जीवित रहेगें। इतना सुन के प्रभु प्रसन्न हो गए और हनुमान को आशीर्वाद दिया साथ ही कहा कि जो भी तुम्हारा भक्त तुम्हारें शरीर में सच्चें मन से सिंदूर लगाएगा। उसके सभी कष्ट दूर हो जाएगे साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी।
वाल्मीकि ने अपनी रचित रामचरितमानस में कई ऐसी बातें बताई जिसके बारें में जा हम जानते है न कभी इसके बारें में सुना था। रामचरित के अनुसार माना जाता है कि जब श्री राम, लक्ष्मण, और सीता वनवास को गए तो लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला जो पतिव्रता थी। अपने पति की रखा और उनके भाई और भाभी की रक्षा के लिए पूरें 14 सालों तक सोती रही जिससे कि उनके पति लक्ष्मण जगकर अपनी और सबकी रक्षा करते रहें। इसी कारण लक्ष्मण को गुडाकोश के नाम से भी जाना जाता है। जिसका मतलब होता है ऐसा मनुष्य जिसने नींद पर जीत हासिल कर ली हो।
ये भी पढ़े- श्री राम ने शबरी को बताएं भक्ति के ये लक्षण
Latest Lifestyle News