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Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या के दिन बन रहा खास संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। साथ ही इस बार की अमावस्या इसलिए ज्यादा खास है, क्यूंकि गुरुवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ रही है।

Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या के दिन बन रहा खास संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/HERITAGE_AT_MALLAJ/ Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या के दिन बन रहा खास संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। साथ ही इस बार की अमावस्या इसलिए ज्यादा खास है, क्यूंकि गुरुवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ रही है। गुरुवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शुभवारी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अतः शुभवारी मौनी अमावस्या है। कहते हैं इसी दिन ऋषि, मनु का जन्म हुआ था। इस दिन मौन व्रत रखने की भी परंपरा है। 

माना जाता है कि इस दिन त्रिवेणी या गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है | अगर आप किसी तीर्थ स्थल पर जाने में असमर्थ है तो आज घर पर ही पानी में त्रिवेणी या गंगाजल मिलकर स्नान करके लाभ उठा सकते है | इस दिन स्नान के बाद तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला तथा कम्बल का दान करने से जीवन में सुख समृद्धि बढाती है | इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनका आशीर्वाद मिलता है | साथ ही यह भी माना जाता है कि  इस दिन से द्वापर युग का आरंभ भी माना जाता है। 

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मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि  प्रारम्भ 10 फरवरी को 1 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। 

मौनी अमावस्या पूजा विधि
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत रखें। इसके साथ ही व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर में पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक और प्रसाद के साथ पूजन करें। इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके बाद विधि-विधान से आरती करें। इसके बाद विष्णु भगवान को पीले रंग की मीठी चीज से भोग लगाए। 

मौनी अमावस्या पर कैसे करें स्नान?
सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें। सबसे पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें। इसके बाद ही स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्र पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। फिर अपने सामर्थ्थ के अनुसार दान-पुण्य करें। 

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