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मां शैलपुत्री का प्राचीन मंदिर, दर्शन मात्र से हो जाती है हर मुराद पूरी

नवरात्र का पहला दिन शैलपुत्री का माना जाता है। इसी तरह शैलपुत्री का एक प्राचीन मंदिर पूरे भारत में फेमस है। यह मंदिर वाराणसी में स्थित है।

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धर्म डेस्क: चैत्र नवरात्र की शुरुआत पर काशी सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा हो रही है। नवरात्र में हर मंदिर को सजाया जा रहा है। माता दुर्गा के नौ रुपों की क्रमश: नौ दिन पूजा होगी। इन दिनों में ध्यान, व्रत, भजन, कीर्तन हर जगह चल रहे होते है।

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नवरात्र का पहला दिन शैलपुत्री का माना जाता है। इस दिन शैलुत्री के दिन में भक्तों का ताता लगा रहता है। इसी तरह शैलपुत्री का एक प्राचीन मंदिर पूरे भारत में फेमस है। यहां पर दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते है। माना जाता है कि यहां पर आने मात्र से ही भक्तों की हर मुराद पूरी हो जाती है। यह शैलपुत्री का मंदिर घाटों के शहर कहे जाने वाले वाराणसी में है।     

यूपी के वाराणसी के अलईपुर में मां शैलपुत्री का प्राचीन मंदिर है। यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर भक्त खीचें चले आते है। यहां पर एक दिन पहले से भक्तों की लंबी लाइन लग जाती है। जिससे कि वह मां के दर्शन कर सकें।

नवरात्र में इस मंदिर में पूजा करने का खास महत्व होता है। माना जाता है कि अगर आपके दापत्यं जीवन में परेशानी आ रही है तो यहां पर आने से आपको सभी कष्टों से  निजात मिल जाता है।  इस मंदिर को लेकर एक कथा प्रचलित है। इसके अनुसार माना जाता है कि मां कैलाश से काशी आई थी। जानिए आखिर कथा क्या है।

अगली स्लाइड में जानिए क्या है पौराणिक कथा

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