A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र मंगल प्रदोष व्रत करने से मिलेगी आपको कर्ज और शारिरीक समस्या से मुक्ति

मंगल प्रदोष व्रत करने से मिलेगी आपको कर्ज और शारिरीक समस्या से मुक्ति

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत प्रत्येक मास की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष को प्रदोष पड़ रहा है। इस बार यह व्रत मंगलवार को

lord shiv

इसी प्रकार शाम के समय यानी की सूर्यास्त से घंटा पहले दुबारा स्नान करके पूजा अर्चना करें। और रात भर जागरण करें। दूसरें दिन सत्तू का बना प्रसाद सभी को बांट दें और खुद भी खाएं।

मान्यता है कि मंगल प्रदोष व्रत को सच्चें मन और विधि-विधान से पूजा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। साथ ही आपको सभी कर्ज से मुक्ति भी मिल जाएगी।

प्रदोष व्रत कथा

स्कंद पुराण में वर्णित इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक विधवा ब्राह्मणी अपने पुत्र को लेकर भिक्षा लेने जाती और संध्या को लौटती थी। एक दिन जब वह भिक्षा लेकर लौट रही थी तो उसे नदी किनारे एक सुन्दर बालक दिखाई दिया जो विदर्भ देश का राजकुमार धर्मगुप्त था। शत्रुओं ने उसके पिता को मारकर उसका राज्य हड़प लिया था। उसकी माता की मृत्यु भी अकाल हुई थी। ब्राह्मणी ने उस बालक को अपना लिया और उसका पालन-पोषण किया।

कुछ समय पश्चात ब्राह्मणी दोनों बालकों के साथ देवयोग से देव मंदिर गई। वहां उनकी भेंट ऋषि शाण्डिल्य से हुई। ऋषि शाण्डिल्य ने ब्राह्मणी को बताया कि जो बालक उन्हें मिला है वह विदर्भदेश के राजा का पुत्र है जो युद्ध में मारे गए थे और उनकी माता को ग्राह ने अपना भोजन बना लिया था। ऋषि शाण्डिल्य ने ब्राह्मणी को प्रदोष व्रत करने की सलाह दी। ऋषि आज्ञा से दोनों बालकों ने भी प्रदोष व्रत करना शुरू किया।

अगली स्लाइड में पढ़े पूरी कथा

Latest Lifestyle News