Malmas 2018: 16 दिसंबर से शुरु हो रहे है खरमास, बिल्कुल भी न करें ये काम
खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि वर्जित होते हैं, जबकि इस दौरान सूर्य देव की उपासना करना बड़ा ही फलदायी माना गया है। अतः अगले 30 दिनों के दौरान आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
धर्म डेस्क: 16 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और रविवार का दिन है। इस दिन सुबह 09 बजकर 10 मिनट पर सूर्यदेव मूल नक्षत्र में और धनु राशि में प्रवेश करेंगे। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार जब सूर्यदेव किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस दिन सूर्यदेव की संक्रांति होती है। अतः आज सूर्य की धनु संक्रांति है। सूर्य की संक्रांति में पुण्यकाल का बहुत महत्व होता है। इस दौरान स्नान-दान का विधान है।
सूर्य की धनु संक्रांति का पुण्यकाल आज दोपहर 03:34 तक रहेगा। इस दौरान गोदावरी नदी में स्नान और वस्त्र दान का सबसे अधिक महत्व है। पुण्यकाल के दौरान ये सब कार्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अतः आपको भी इस पुण्यकाल का लाभ जरूर उठाना चाहिए। लेकिन अगर आप गोदावरी नदी में स्नान करने न जा पायें, तो कोई बात नहीं। आप घर पर ही अपने नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर गोदावरी नदी का आह्वाहन करते हुए स्नान कीजिए। इससे भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
सूर्यदेव के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही आज से धनु खरमास भी आरंभ हो गया है। दरअसल जब सूर्यदेव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं और जब तक वहां पर स्थित रहते हैं, उस समय अवधि को खरमास का नाम दिया गया है। इस हिसाब से साल में दो बार खरमास आता है।
खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि वर्जित होते हैं, जबकि इस दौरान सूर्य देव की उपासना करना बड़ा ही फलदायी माना गया है। अतः अगले 30 दिनों के दौरान आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
खरमास में न करें ये काम
- इन माह में मांसाहारी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही प्याज, लहसुन, गाजर, मूलू, दाल, तेल और दूषित अन्य को छोड़ देना चाहिए।
- इस माह में इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके अनुसार सफेद धान, चावल, गेहूं, तिल, जौ, बथुआ, कंकडी, मंचावल, मूंग, शहतूत, सामक, मटर, पीपल, सौंठ, आंवला, सेंधा नमक, सुपारी आदि का सेवन नहीं करना चाहए।
- इन दिनों में किसी पराई स्त्री को नहीं देखना चाहिए। सभी का सम्मान करना चाहिए। देवी-देवता, ब्राह्मण, गाय, साधु-संयासी, बड़े-बुजुर्ग की सेवा और आदर करना चाहिए।
- खरमास में ताबें के बर्तन में रखा हुआ दूध और चमड़े में रखा हुआ पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अपने हाथ से बना खाने का सेवन करना चाहिे।
- इन दिनों में साधारण जीवन जीना चाहिए। जैसे कि जमीन पर सोना, पत्तल पर खाना और धर्मभ्रष्ट संस्कारहीन लोगों से संपर्क नहीं रखना चाहिए।
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