उज्जैन: महाशिवरात्रि पर ज्योर्तिलिंग महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए 44 घंटे तक जागेंगे। सोमवार मंगलवार मध्य रात 2 बजे मंदिर के पुजारी ने पट खोलकर महादेव को जगाया व रात 2.30 बजे भस्मारती की। भस्मारती के बाद सुबह 6 बजे से आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन शुरू हो गया। अब 14 फरवरी की रात 11 बजे शयन आरती तक महाकाल भक्तों को दर्शन देंगे। आपको बता दे की साल में एक बार ही ऐसा अवसर आता है जब महाकाल शयन नहीं करते है। वहीं साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मारती भी इस बार बुधवार की दोपहर 12 बजे की जाएगी। भस्मारती में महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाशपुरी महाराज अघोर मंत्र से भस्म रमाएंगे।
आज दिन भर विशेष पूजा
महाकाल की भस्मारती के बाद मंगलवार को दिनभर विशेष पूजा व अभिषेक का क्रम चलता रहेगा। सुबह 10.30 बजे महाकाल को विशेष भोग लगाया गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे तहसील उज्जैन की ओर से शासकीय अभिषेक पूजा की गई। शाम 4 बजे होलकर व सिंधिया परिवार की ओर से पंरपरानुसार अभिषेक पूजन किया गया। शाम 6 बजे संध्याआरती और रात 9 बजे कोटिर्तीथ के पास कोटेश्वर महादेव का पूजन किया जाएगा।
रात 11 बजे होगा महापूजन
शिवरात्रि के पावन पर्व पर मंगलवार रात 11 बजे महाकाल के गर्भगृह में महापूजा, अभिषेक, भस्म धूलन,रूद्राक्ष धारण,अंतमंत्रिका,महान्यास, लघुन्याय, रूद्र पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवा लाख बिल्वपत्र सहस्त्र नामावलि के साथ अर्पित किए जाएंगे।
रिपोर्ट इनपुट: प्रतीक, उज्जैन
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