Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि के दिन करें ये खास उपाय, सारी मनोकामनाएं होंगी पूरी
11 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस महाशिवरात्रि 101 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य अनिल कुमार ठक्कर ने कुछ उपाय बताए हैं जिन्हें शिवरात्रि के दिन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
11 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस महाशिवरात्रि 101 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। भगवान शिव को प्रसन्न करना वैसे भी बेहद आसान होता है। ऐसे में जो कोई भी भक्त भगवान शिव की पूजा में शिवलिंग पूजा को महत्व देता है और विधि विधान से शिवलिंग पूजा करता है उससे भगवान से बेहद और बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। ज्योतिषाचार्य अनिल कुमार ठक्कर ने कुछ उपाय बताए हैं जिन्हें शिवरात्रि के दिन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
मनचाहे साथी की कामना होगी पूरी
इस दिन मनचाहा वर पाने के लिए कुंवारी कन्या व्रत रख सकती हैं। भगवान शिव प्रसन्न होने पर कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ऐसे में शिवरात्रि के दिन कुंवारी कन्याओं को सुबह स्नान आदि के बाद मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करने की सलाह दी जाती है। इस दिन मां गौरी की पूजा भी अवश्य करें। ऐसा करने से आपका विवाह आपके मनचाहे साथी के साथ और शीघ्र होता है।
पति की लंबी आयु के लिए
यदि शिवरात्रि के दिन सही विधि विधान से पूजा की जाए तो विवाहित स्त्रियों के पति की आयु बढ़ जाती है। महाशिवरात्रि के दिन स्नान आदि करके मां पार्वती के साथ भगवान शिव का पूजन करें। इसके बाद मां को श्रृंगार के सामान भेंट करें। ऐसा करने से विवाहित स्त्रियों के पतियों की लिए उम्र लंबी होती है।
सभी मनोकामना होगी पूरी
भगवान शिव को महाशिवरात्रि दिन बेलपत्र जरूर चढ़ाएं। भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में शिवरात्रि की पूजा में भी इस बात का विशेष ध्यान रखें। ऐसा करने से भोलेनाथ आप पर अवश्य प्रसन्न होते हैं आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
शनि दोष दूर करने के लिए करें यह उपाय
जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि दोष मौजूद होता है उन्हें महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को शमी के पत्र चढ़ाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से शनि ग्रह शांत होता है और कुंडली में मौजूद शनि की साढ़ेसाती शनि की ढैया या कोई भी अशुभ योग का प्रभाव कम होने लगता है।
ज्योतिष के दृष्टिकोण से शिवरात्रि पर्व
चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं। इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है। गणित ज्योतिष के आंकलन के हिसाब से महाशिवरात्रि के समय सूर्य उत्तरायण हो चुके होते हैं और ऋतु-परिवर्तन भी चल रहा होता है। ज्योतिष के अनुसार चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा अपनी कमजोर स्थिति में आ जाते हैं। चन्द्रमा को शिव जी ने मस्तक पर धारण किया हुआ है इसलिए शिवजी के पूजन से व्यक्ति का चंद्र सबल होता है, जो मन का कारक है। दूसरे शब्दों में कहें तो शिव की आराधना इच्छा-शक्ति को मजबूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है।