महाशिवरात्रि 2020: जब शिवजी की बारात में भूत-प्रेत देखकर डर गई थीं माता पार्वती
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। इसी दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था।
महाशिवरात्रि 2020: फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन से जुड़ी कई सारी मान्यताएं जुड़ी हैं, कहा जाता है कि इसी दिन शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसी वजह से इस दिन शिव और पार्वती की पूजा होती है। कहा जाता है कि जिनकी शादीशुदा जिंदगी में समस्याएं होती हैं या जिनकी शादी नहीं होती है वो अगर शिव पार्वती की पूजा इस दिन करते हैं तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शिव पार्वती के विवाह से जुड़ी एक दिलचस्प कथा रोचक है, जिसमें कहा जाता है कि शिव जी की बारात देखकर पार्वती मां बेहोश हो गई थीं। दरअसल पार्वती मां शिव जी को पसंद करती थीं और शिव जी को मन ही मन अपना पति मान लिया था। उन्होंने शिव जी को अपना पति बनाने के लिए कड़ी तपस्या शुरू की। कठोर तपस्या के बाद शिवजी सामने आए और कहा कि वो किसी राजकुमार से शादी कर लें क्योंकि उनके साथ रहना आसान नहीं होगा। लेकिन पार्वती ने कहा कि वो विवाह करेंगी तो सिर्फ शिव से ही। पार्वती का प्रेम देखकर शिवजी ने शादी के लिए हां कर दी।
जब शिवजी बारात लेकर आए तो हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि शंकर जी की बारात में भूत-प्रेत और आत्माएं थीं, क्योंकि शिवजी देवताओं के साथ दानवों के भी इष्ट हैं। बारात में शिव जी का रूप देखकर पार्वती बहुत डर गईं। शिव जी का ये रूप देखकर पार्वती की मां ने कहा कि अपनी बेटी का हाथ ऐसे दूल्हे के हाथ में नहीं सौंपेंगी।
स्थिति जब बिगड़ने लगी तो पार्वती ने भोलेनाथ से प्रार्थना की और कहा कि उनके रीति रिवाजों के अनुसार वो तैयार होकर आए। शिव जी ने पार्वती की बात मान ली और सभी देवताओं से कहा कि उन्हें शादी के लिए तैयार करें।
इसके बाद शिव जी को दैवीय जल से नहलाकर पुष्पों से तैयार किया गया। जब इस रूप में शिवजी पहुंचे तब जाकर पार्वती से उनका विवाह हुआ। शिव और पार्वती की शादी के दिन ही महाशिवरात्रि मनाई जाती है।