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दूसरी कथा
दूसरी कथा में भगवान श्री कृष्ण के बारें में बताया गया है। श्रीकृष्ण भालुका तीर्थ पर विश्राम कर रहे थे। तब ही शिकारी ने उनके पैर के तलुए में पद्मचिह्न को हिरण की आंख जानकर धोखे में तीर मारा था। तब ही कृष्ण ने देह त्यागकर यहीं से बैकुंठ गमन किया। इस स्थान पर बड़ा ही सुन्दर कृष्ण मंदिर बना हुआ है।
रोचक बातें
- साल 1665 में मुग़ल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को तोड़ने का आदेश दे दिया था| लेकिन बाद में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था| बाद में पुणे के पेशवा, नागपुर के राजा भोसले, कोल्हापुर के छत्रपति भोंसले, रानी अहिल्याबाई होलकर और ग्वालियर के श्रीमंत पाटिलबूआ शिंदे के सामूहिक सहयोग से 1783 में इस मंदिर की मरम्मत की गयी थी।
- साल 1296 में अलाउद्दीन ख़िलजी की सेना ने मंदिर को क्षतिग्रस्त कर गिरा दिया था, लेकिन अंत में गुजरात के राजा करण ने इसका बचाव किया था।
- साल 1024 में मंदिर को अफगान शासक ने क्षति पहोचकर गिरा दिया था, लेकिन परमार राजा भोज और सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम ने 1026 से 1042 के बिच इसका पुनर्निर्माण किया था| कहा जाता है को लकडियो की सहायता से उनकी मंदिर का पुनर्निर्माण किया था लेकिन बाद में कुमारपाल ने इसे बदलकर पत्थरों का बनवाया था।
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