उज्जैन: श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। पर्व के तीसरे दिन पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकाल ने घटाटोप स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए। इसके पूर्व सुबह शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राम्ह्णों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया।
पाठ के बाद श्री महाकालेश्वर को नवीन केसरिया रंग के वस्त्र धारण करवाए गए। इसके अतिरिक्त मुकुट, मुण्ड माला,फलों की माला एवं कमल के फूलों की माला धारण की गई। तीसरे दिन भी हुआ हरिकीर्तन शिवनवरात्रि के तीसरे दिन श्री रमेश कानडकर द्वारा शिव कथा कर गौड बंगाल के राजा श्री गोपीचन्द्र की माता मेनावती द्वारा बाबा जालंधर नाथ को अपना गुरू बनाने की कथा का वर्णन भक्तों को सुनाया। यह कथा मंदिर परिसर स्थित नवग्रह मंदिर के समीप संगमरमर के ओटले पर भक्तों को सुनाई गई।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि उत्सव मनाया जा रहा है। पर्व के दूसरे दिन मंगलवार को महाकाल ने भक्तों को शेषनाग स्वरूप में दर्शन दिए। तड़के भस्मारती के बाद मंदिर के शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन किया गया।
इसके बाद कोटितीर्थ कुण्ड के पास श्री कोटेष्वर महादेव के अभिषेक-पूजन कर पुजारी के आचार्यत्व में 11 ब्रम्ह्णों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एवं एकादष-एकादषनि लघुरूद्र पाठ संपन्न हुआ। आपको बता दें कि पूजन का यह क्रम महाशिवरात्रि तक प्रतिदन चलेगा।
सायंकाल पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर को लाल रंग के वस्त्र धारण कराए गए। मंदिर के पं भरत पुजारी द्वारा भांग का आकर्षक श्रृंगार किया गया। वहीं बाबा महाकाल को शेषनाग धारण करवाकर मुकुट, मुण्डमाला, फलों की माला धारण कराई गई।
इनपुट प्रतीक खेडकर
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