धर्म डेस्क: जिस दिन कर्क राशि में चंद्रमा और मकर राशि में सूर्य में प्रवेश से बनता है उस दिन माघ पूर्णिमा का योग होता है। इस बार माघ पूर्णिमा 22 फरवरी, सोमवार को मनाया जाता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में उल्लेख है कि माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं अत: इस पावन समय गंगाजल का स्पर्शमात्र भी स्वर्ग की प्राप्ति देता है।
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यह है मान्यता
पुराणों में माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु व्रत, उपवास, दान से भी उतने प्रसन्न नहीं होते, जितना अधिक प्रसन्न माघ स्नान करने से होते हैं।
स्नान का महत्व
इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही मन और तन भी शुद्ध हो जाते है। इस दिन व्रत करने से धन, लक्ष्मी, विद्या की प्राप्ति होती है।
इस दिन किए गए यज्ञ, तप तथा दान का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु की पूजा कि जाती है, भोजन, वस्त्र, गुड, कपास, घी, लड्डु, फल, अन्न आदि का दान करना पुण्यदायक माना जाता है।
माघ पूर्णिमा में प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी या घर पर ही स्नान करके भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए। माघ मास में काले तिलों से हवन और पितरों का तर्पण करना चाहिए तिल के दान का इस माह में विशेष महत्व माना गया है।
ऐसें करें पूजा
माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण जी की कथा की जाती है भगवान विष्णु की पूजा में केले के पत्ते व फल, पंचामृत, सुपारी, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, दूर्वा का उपयोग किया जाता है।
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