Chandra Grahan 2020: 5 जुलाई को लगने वाला है चंद्र ग्रहण, इस दौरान गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां
5 जुलाई को इस साल का तीसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण लगने वाला है। जानिए इस दौरान गर्भवती महिलाओं को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
5 जुलाई को इस साल का तीसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण लगने वाला है। ये ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। शास्त्रों में उपछाया ग्रहण को ज्यादा मान्यता नहीं दी गई है। इस वजह से उपछाया ग्रहण काल के दौरान किसी भी कार्य को करने को लेकर मनाही नहीं होती है। इस उपछाया चंद्र ग्रहण को धनुर्धारी चंद्र ग्रहण भी कहा जाता है। खास बात है कि इस बार चंद्र ग्रहण के दिन गुरु पूर्णिमा भी है। भारत में ये चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा इस वजह से इसका सूतक काल भी प्रभावी नहीं होगा। बावजूद इसके गर्भवती महिलाओं को कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।
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गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाले इस चंद्र ग्रहण का प्रारंभ सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर होगा। परमग्रास चंद्र ग्रहण का समय 9 बजकर 59 मिनट होगा। वहीं ग्रहण का मोक्ष काल सुबह 11 बजकर 21 मिनट होगा। यानी कि ये चंद्र ग्रहण 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकंड तक रहेगा।
सूतक काल
भारत में ये चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा इस वजह से इसका सूतक काल भी प्रभावी नहीं होगा।
जानिए कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। ये चंद्र ग्रहण अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा कही से कटा होने के बजाय पूरे आकार में नजर आएगा।
गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के समय क्या करें और क्या नहीं
भारत में ये चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा इस वजह से इसका सूतक काल भी प्रभावी नहीं होगा। फिर भी चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाएं अपने लंबाई के बराबर एक कुश लें। यदि कुश न हो तो कोई सीधा डंडा लेकर उसे कोने में खड़ा कर दें। इससे यदि वह ग्रहण में बैठना या लेटना चाहें तो लेट सकेंगी।
- गर्भवती महिलाओं के साथ अन्य लोगों को भी सुई में धागा नहीं डालना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि ग्रहण की पड़ने वाली रोशनी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।
- ग्रहण के समय कुछ काटना, छीलना, छौंकना या बघारना नहीं चाहिए।
- ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक निगेटिविटी फैल जाती है इसलिए घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए ।
- इस दौरान घर में भी भगवान के मंदिर को ढक देना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए।
- जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाए तब उस कपड़े और अनाज को आदरसहित किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
- सूतक के दौरान भी नहाना चाहिए और जब ग्रहण हट जाए तो भी नहाना जरूरी होता है।
- ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ भी खाने से बचना चाहिए।