ऐसें करें माता लक्ष्मी की पूजा
सबसे पहले अक्षत औप फूल हाथों में लेकर माता का ध्यान करें-
सरसिजनियले सरोजहस्ते धवलतमांशुकगंधमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम्।।
ऊं महालक्ष्मै नम: । ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि।
फिर हाथ में लिए हुए अक्षत और फूल छोड़ दे। और माता का इस मंत्र के साथ आवाहन करें-
ऊं महालक्ष्म्यै नम: । महालक्ष्मीमावाहयामि, आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि।
इसके बाद विधि-विधान से माता की पूजा करने के बाद इस मंत्र के साथ जल अर्पण करें-
कृतानानेन पूजनेन भगवती महालक्ष्मीदेवी प्रीतयाम् न मम।।
ऐसे करें माता सरस्वती की पूजा
अपने हाथ में अक्षत औप फूल लेकर माता का ध्यान करते हुए इस मंत्र को बोलें-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
इसक बाद फूल और अक्षत माता के समीप चढ़ा दें और विधि-विधान के साथ माता की पूजा करें।
पूजा के बाद अपने हाथ जोड़कर इस मंत्र से प्रार्थना करें-
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने ।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते ॥
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