ऐसें करें कलश पूजन
ऊं कलशस्य मुखे विष्णु: कंठे रुद्र: समाश्रित:।
मूले त्वस्य स्थितो ब्रह्मा मध्ये मातृगणा: स्मृता:।।
इसके बाद तिजोरी या रुपए रखने के स्थान पर स्वास्तिक बनाएं और यह श्लोक पढ़ें-
मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुड़ध्वज: मंगलम् पुंडरीकाक्ष: मंगलायतनो हरि:।
ऐसें करें नवग्रहों का पूजन
सबसे पहले एक चौक में नौ ग्रह बना लें या फिर उनकी तस्वीर रक लें। इसके बाद हाथ में थोड़ा सा जल ले लीजिए और आह्वान व पूजन मंत्र बोलिए और पूजा सामग्री चढ़ाए। फिर नवग्रहों का पूजन कीजिए। इसके बाद हाथ में चावल और फूल लेकर नवग्रह का ध्यान करते हुए इस मंत्र को बोले-
ओम् ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: सर्वे ग्रहा: शान्तिकरा भवन्तु।।
नवग्रह देवताभ्यो नम: आहवयामी स्थापयामि नम:।
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