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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Kushotpatini Amavasya 2019: तंत्र-मंत्र, जादू टोने व बुरी नज़र ने बनाना है दूरी तो कुशोत्पाटिनी अमावस्या के दिन इस तरह घर लाएं कुश

Kushotpatini Amavasya 2019: तंत्र-मंत्र, जादू टोने व बुरी नज़र ने बनाना है दूरी तो कुशोत्पाटिनी अमावस्या के दिन इस तरह घर लाएं कुश

शुक्रवार को कुशोत्पाटिनी अमावस्या है जिसे कुशग्रहिणी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन कुश उखाड़ने की परंपरा है। उखाड़ी गई कुश को घर में एक साल तक रखा जाता है जिससे तंत्र-मंत्र, जादू टोने व बुरी नज़र का कोई भी असर घर परिवार पर नहीं पड़ता है।

Kushotpatini Amavasya 2019:, कुशोत्पाटिनी अमावस्या - India TV Hindi Kushotpatini Amavasya 2019:  कुशोत्पाटिनी अमावस्या

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या और शुक्रवार का दिन है। इसके साथ ही शुक्रवार को कुशोत्पाटिनी अमावस्या है जिसे कुशग्रहिणी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन कुश उखाड़ने की परंपरा है। उखाड़ी गई कुश को घर में एक साल तक रखा जाता है जिससे तंत्र-मंत्र, जादू टोने व बुरी नज़र का कोई भी असर घर परिवार पर नहीं पड़ता है। खास बात ये है कि कुश उखाड़ने से एक दिन पहले बड़े ही आदर के साथ उसे अपने घर लाने का निमंत्रण दिया जाता है। हाथ जोड़कर प्रार्थना की जाती है। लेकिन किसी भी कारणवश अगर आप कुश को 29 अगस्त को निमंत्रण नहीं दे सकें तो आप 30 अगस्त को भी दे सकते है।

ऐसे दें कुश को निमंत्रण
कुश के पास जाएं और श्रद्धापूर्वक उससे प्रार्थना करें, कि हे कुश कल मैं किसी कारण से आपको आमंत्रित नहीं कर पाया था जिसकी मैं क्षमा चाहता हूं। लेकिन आज आप मेरे निमंत्रण को स्वीकार करें और मेरे साथ मेरे घर चलें। फिर आपको ऊं ह्रूं फट् स्वाहा इस मंत्र का जाप करते हुए कुश को उखाड़ना है उसे अपने साथ घर लाना है और एक साल तक घर पर रखने से आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
पूजाकाले सर्वदैव कुशहस्तो भवेच्छुचि:।
कुशेन रहिता पूजा विफला कथिता मया।।

अत: प्रत्येक गृहस्थ को इस दिन कुश का संचय करना चाहिए।

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शास्त्रों में दस प्रकार के कुशों का वर्णन मिलता है-
कुशा: काशा यवा दूर्वा उशीराच्छ सकुन्दका:।
गोधूमा ब्राह्मयो मौन्जा दश दर्भा: सबल्वजा:।।
यानि कुश, काश , दूर्वा, उशीर, ब्राह्मी, मूंज इत्यादि कोई भी कुश आज उखाड़ी जा सकती है और उसका घर में संचय किया जा सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि हरी पत्तेदार कुश जो कहीं से भी कटी हुई ना हो उस कुश को ही शुक्रवार के दिन उखाड़ना चाहिए। एक विशेष बात और जान लीजिए कुश का स्वामी केतु है लिहाज़ा कुश को अगर आप अपने घर में रखेंगे तो केतु के बुरे फलों से बच सकते हैं।

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ज्योतिष शास्त्र के नज़रिए से कुश को विशेष वनस्पति का दर्जा दिया गया है। इसका इस्तेमाल ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीज़ों में रखने के लिए होता है, कुश की पवित्री उंगली में पहनते हैं तो वहीं कुश के आसन भी बनाए जाते हैं।

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