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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र मां कुष्मांडा देवी: देवी की पिंडी से रिसता है पानी, ग्रहण करने से हो जाती है हर बीमारी दूर

मां कुष्मांडा देवी: देवी की पिंडी से रिसता है पानी, ग्रहण करने से हो जाती है हर बीमारी दूर

मां कुष्मांडा की पूजा करने के बाद इन मंदिरों के दर्शन करना चाहिए। जिसके कारण मां के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते है। जानिए कैसा बना ये मंदिर....

kushmanda devi temple

शिवपुराण के अनुसार

शिव महापुराण के अनुसार माना जाता है कि भगवान शंकर की पत्नी सती के मायके में उनके पिता राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया था। इसमें सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया गया था। लेकिन शंकर भगवान को निमंत्रण नहीं दिया गया था।

माता सती भगवान शंकर की मर्जी के खिलाफ उस यज्ञ में शामिल हो गईं। माता सती के पिता दक्ष ने भगवान शंकर को भला-बुरा कहा था, जिससे अक्रोशित होकर माता सती ने यज्ञ में कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसी कारण भगवान शंकर को इतना क्रोध आया कि उनके शरीर को लेकर पूरी दुनिया में भ्रमण करने लगे।

जिनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के शरीर को 51 भागों में काट दिय। जो कि 51 शक्तिपीठ कहलाएं। इन्ही में से माना जाता है कि माता सती की कमर के नीचे का भाग यहां पर गिरा। जिसके कारण इनका नाम कुष्मांडा पड़ा।

अगली स्लाइड में जानें क्या है इस मंदिर के पीछे की कहानी

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