धर्म डेस्क: भारत के कोने-कोने में मां दुर्गा के मंदिर स्थापित है जो अपने चमत्कारों क कारण विश्व प्रसिद्ध है। माता दुर्गा को नौ स्वरुपों में पूजा जाता है। इन स्वरुपों के प्राचीन मंदिर भारत के कई जगह स्थापित है। इन्ही मंदिर में से माता दुर्गा के चौथे स्वरुप कुष्मांडा देवी का मंदिर है।
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यह मंदिर अपने आप पर अनोखा है, क्योंकि इस मंदिर में स्थापित पिंड से पानी रिसता है। जिसे पीने से कई तरह की बीमारियां सही हो जाती है। इस मंदिर में नवरात्र में उत्सव मनाए जाते है साथ ही अष्टमी के दिन धूम-धाम के साथ तलाब में दीप-दान किया जाता है। आज भी वैज्ञानिकों के लिए यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर ये पानी निकलता कहा से है। जानि इस मंदिर के बारें में और अनोखी बातें।
उत्तर प्रदेश के कानपुर से करीब 45 किलोमीटर दूर घाटमपुर कस्बे में मां के चौथे स्वरुप मां कुष्मांडा देवी का मंदिर स्थित है। यहां पर मां की लेटी हुई प्रतिमा है। जो कि एक पिंडी के रुप में है। इस पिंडी से हमेशा पानी रिसता रहता है। माना जाता है कि यहां पर आने पर मां सभी की हर मनोकामना पूर्ण करती है।
इस मंदिर के पास ही एक तालाब बना हुआ है जो कभी भी नही सुखता है। जो कि आज भी आश्चर्य का विषय बना हुआ है। इस मंदिर के परिसर में मुख्य द्वार में प्रवेश करते ही हर देवी-देवता के छोटे मंदिर बने हुए है।
माना जाता है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने के बाद इन मंदिरों के दर्शन करना चाहिए। इस मंदिर में नवरात्र के समय मेला भी लगता है। जिसके कारण मां के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते है। जानिए कैसा बना ये मंदिर। क्या है इसकी कहानी?
अगली स्लाइड में जानें क्या है इस मंदिर के पीछे की कहानी
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