शताब्दी का दूसरा कुंभ मेला आज से शुरू हो गया है। इस बार ग्रहों की चाल के कारण 12 साल में नहीं बल्कि 11वें साल पड़ रहा है। इसके सात ही इस साल कुंभ 120 दिन न होकर केवल 48 दिनों का होगा। इस कुंभ में 13 अखाड़े के लोग भारी संख्या में एकत्रित होते है। कोरोना का असर इस बार कुंभ मेला में भी दिखेगा।
आपको बता दें कि हरिद्वार कुंभ का आयोजन ब्रहस्पति के कुंभ राशि और सूर्य के मेष राशि पर आने के बाद होता है। हर साल सूर्य 14 अप्रैल को मेष राशि में आते है। वहीं ब्रहस्पति की बात करे तो हर 12 साल बाद वह कुंभ राशि में आते है। इस बार की बात करें तो 11वें साल में ही 5 अप्रैल तो गुरु कुंभ राशि में प्रवेश करेगा।
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हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि किसी भी कुंभ मेले में पवित्र नदी में स्नान या तीन डुबकी लगाने से सभी पुराने पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को जन्म-पुनर्जन्म तथा मृत्यु-मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कुंभ मेला आने वाले लोगों को पहले पंजीकरण करना होगा। इसके साथ ही जो लोग ट्रेन या बस से आ रहे हैं उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग से होकर गुजरना होगा। वहीं तट में जूते पहनकर आने की मनाही लगाई गई है। जो व्यक्ति मास्क लगाए होगा उसे ही कुंभ स्नान जाने की अनुमति मिलेगी।
कुंभ मेला 2021 की शाही स्नान की तारीख
पहला शाही स्नान- 11 मार्च शिवरात्रि
दूसरा शाही स्नान - 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या
तीसरा मुख्य शाही स्नान- 14 अप्रैल मेष संक्रांति
चौथा शाही स्नान- 27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा
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