भादपद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात के समय रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन व्रत का विधान है। अष्टमी तिथि मंगलवार की सुबह से लेकर बुधवार दोपहर पहले 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। लिहाज़ा अष्टमी की रात मंगलवार ही होगी।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार वैष्णव मंदिर या कृष्ण से जुड़े मंदिर 12 अगस्त के दिन जन्माष्टमी मनाएंगे, लेकिन गृहस्थ लोग उससे कंफ्यूजन न हो। उन्हें जन्माष्टमी का व्रत मंगलवार ही करना चाहिए और व्रत का पारण बुधवार के दिन करना चाहिए |
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार मंगलवार रात ठीक 12 बजे बाल गोपाल का जन्म होगा और हर ओर आनंद ही आनंद होगा। ऐसे में माना जाता है कि जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को कुछ खास चीज़े अर्पित की जाएं तो नंदलाला जल्द प्रसन्न होते हैं। जानिए कान्हा जी को क्या चीजें अर्पित करना है सही।
जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण को चांदी की बांसुरी अर्पित करें, आपके वैवाहिक जीवन में खुशहाली आएगी। आप चाहे तो नार्मल बासुंरी भी अर्पित कर सकते हैं।
श्री कृष्ण को तुलसी जरूर अर्पित करनी चाहिए। इससे सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है।
भगवान श्रीकृष्ण को शंख में दूध डालकर स्नान कराया जाए तो मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।
Image Source : instagram/bankey_bihari_lal_jiमोरपंख और बांसुरी
भगवान श्रीकृष्ण को मोर पंख बहुत प्रिय है। इस दिन दो मोर पंख लेकर एक मोर पंख कृष्ण जी को अर्पित करें और दूसरा मोर पंख तिजोरी में रख दें। धन प्राप्ति होगी।
जन्माष्टमी के खास दिन भगवान कृष्ण को पारिजात या शैफाली के फूल अर्पित करें। आपकी हर मनोकामना जरूर पूरी होगी।