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जानिए, आखिर रक्षाबंधन मनाने के पीछे क्या हैं मान्यताएं

षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनके लिए मंगल कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों को इस पवित्र बंधन के बदले उपहार, उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। यह रक्षाबंधन का त्योहार शुरु कब से हुआ इस विषय में कई कथाएं प्रचलित हैं...

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धर्म डेस्क: रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनके लिए मंगल कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों को इस पवित्र बंधन के बदले उपहार, उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। यह रक्षाबंधन का त्योहार शुरु कब से हुआ इस विषय में कई कथाएं प्रचलित हैं।

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इतिहास बताता है कि चित्तौड़ की रानी कर्मवती ने दिल्ली के मुगल शासक हुमांयु को राखी भेजकर अपना भाई बनाया और इसी राखी की इज्जत के कारण हुमांयु ने गुजरात के राजा से युद्ध कर कर्मवती की रक्षा की। इसके अलावा हमारी धार्मिक पुस्तकों में रक्षाबंधन मनाने की कुछ मान्यताओं का जिक्र है।  

ये हैं प्रमुख मान्यताएं
महाभारत में इस त्यौहार की मान्यता का वर्णन है। द्रौपदी ने एक बार त्रेता युग में भगवान श्री कृष्ण की उंगली में चोट लग जाने पर अपनी साड़ी से टुकड़ा फाड़ कर चीर बांधी थी। उसी चीर बांधने के कारण कृष्ण ने चीर हरण के समय द्रौपदी की रक्षा की। इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार बनाया जाता है।

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