धर्म डेस्क: महाभारत के बारे में हमने की कथाएं सुनी है। साथ ही इसे से हम जाने कि धन-दौलत, स्त्री के लिए भाई-भाई के दुश्मन बन जाते है। महाभारत एक ऐसा युद्द है। जिसमें लाखों जानें गई। की महिनों तक चला। इसी में एक ऐसी अद्भुत घटना है। जिसमें महाभारत में मारे गए सभी शूरवीर जैसे कि भीष्म, द्रोणाचार्य, दुर्योधन, अभिमन्यु, द्रौपदी के पुत्र, कर्ण, शिखंडी आदि एक रात के लिए पुनर्जीवित हुए थे।(जानिए, आखिर कुरुक्षेत्र में ही क्यों लड़ा गया महाभारत का युद्ध)
शास्त्रों के अनुसार यह घटना महाभारत युद्ध ख़त्म होने के 15 साल बाद घटित हुई थी। जानिए इस बात पर कितनी सच्चाई है और वह कैसे जीवित हुए।(VIDEO: परशुराम ने धरती को किया था क्षत्रियविहीन, फिर भीष्म कैसे बच गए, खुद उन्हीं से सुनिए)
राजा बनने के पश्चात हस्तिनापुर में युधिष्ठिर धर्म व न्यायपूर्वक शासन करने लगे। युधिष्ठिर प्रतिदिन धृतराष्ट्र व गांधारी का आशीर्वाद लेने के बाद ही अन्य काम करते थे। इस प्रकार अर्जुन, नकुल, सहदेव, द्रौपदी आदि भी सदैव धृतराष्ट्र व गांधारी की सेवा में लगे रहते थे, लेकिन भीम के मन में धृतराष्ट्र के प्रति हमेशा द्वेष भाव ही रहता। भीम धृतराष्ट्र के सामने कभी ऐसी बातें भी कह देते जो कहने योग्य नहीं होती थी।(भूलकर भी शनिवार को घर न लाएं ये चीजें, होगा अपयश)
इस प्रकार धृतराष्ट्र, गांधारी को पांडवों के साथ रहते-रहते 15 साल गुजर गए। एक दिन भीम ने धृतराष्ट्र व गांधारी के सामने कुछ ऐसी बातें कह दी, जिसे सुनकर उनके मन में बहुत शोक हुआ। तब धृतराष्ट्र ने सोचा कि पांडवों के आश्रय में रहते अब बहुत समय हो चुका है। इसलिए अब वानप्रस्थ आश्रम (वन में रहना) ही उचित है। गांधारी ने भी धृतराष्ट्र के साथ वन जाने में सहमति दे दी। धृतराष्ट्र व गांधारी के साथ विदुर व संजय ने वन जाने का निर्णय लिया।
अगली स्लाइड में पढ़े कब गए धृतराष्ट्र वन
Latest Lifestyle News