शनिदेव ने उन्हें देखते ही युद्ध के लिेए ललकारा। जब भगवान हनुमान ने शनिदेव की युद्ध की ललकार सुनी तो वह शनि देव को समझाने लगे कि यह सही नही है। लेकिन शनिदेव ने एक बात न मानी और युद्ध के लिए अड़ गए। इसके बाद भगवान हनुमान शनिदेव के साथ युद्ध के लिए तैयार हो गे। अंत में दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ।
इस युद्ध में शनिदेव भगवान हनुमान से बुरी तरह हार गए। भगवान हनुमान के प्रहारों से शनिदेव का पूरा शरीर चुटहिल हो गया जिसके कारण उसमें दर्द होने लगा। इसके बाद भगवान ने शनिदेव को तेल लगाने के लिए दिया। जिससे उनका पूरा दर्द गायब हो गया। इसी कारण शनिदेव ने कहा जो भी मनुष्य मुझे सच्चे मन से तेल चढ़ाएगा। उसकी सभी पीडा हर लूंगा और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करुगा।
इसीकारण तब से शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा की शुरुआत हुई और शनिवार का दिन शनिदेव का दिन होता है। जिसके कारण इस दिन तेल चढ़ानें से जल्द आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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