नई दिल्ली: पीरियड्स एक नेचुरल प्रक्रिया है। जो कि 11 से 50 साल की उम्र की हर महिला को इससे होकर हर माह गुजरना पड़ता है। महिला को पीरियड्स के इस चक्र से हर माह होकर गुजरना पड़ता है। यह महिला के शरीर के लिए बहुत ही जरुरी होता है, क्योंकि यही पीरियड्स का च्रक महिलाओं की प्रजनन प्रणाली को परिवर्तित करता है। जिसके बाद ही कोई महिला मां बनने लायक बनती है।
पीरियड्स को लेकर हम सभी बोलते है। जल्द ही अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन' रिलीज होने वाली है। जिसके बाद से पीरियड्स को लेकर अभिनेत्रियों अपने बीते दिनों के बारें में बताती कहती है कि पीरियड्स के समय उनके साथ कैसा बर्ताव किया जाता था। पुराने जमाने की बात करें तो जिन महिलाओं को ये समस्या होती है उसके साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। उन्हें अपवित्र माना जाता था। शास्त्रों के अनुसार उन्हें कई नियमों का पालन करना पड़ता है। पीरियड्स को लेकर सभी धर्मों का अपन-अपना नियम है। जानिए किस धर्म में महिलाओं को इन दिनों में पवित्र पाना है।
हिंदू धर्म
हिंदू धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपवित्र माना जाता है। इन दिनों में वह न तो पूजा-पाठ करती हैं और न ही रसोई का कोई काम। इसके साथ ही शुभ काम में उन्हें कोसों दूर रखा जाता था, लेकिन आज के समय में इन नियमों को कोई नहीं मानता है।
सिख धर्म
सिख धर्म में महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में पवित्र माना जाता है। गुरू नानक देव जी के अनुसार मां का खून जिंदगी देने के लिए बहुत जरूरी है इसलिए यह पवित्र है। इसमें हर काम करने की छूट है।
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