धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में कलावा को रक्षासूत्र के रुप में माना जाता है। मौली या कलावा बांधने और तोड़ने पर बेहत सतर्कता की जरुरत होती है। नहीं तो यह आपके लिए अशुभ साबित हो सकता है। हमारे घर पर जब भी पूजा पाठ या हवन होता है तो कलावा बांधा जाता है। इसे रक्षासूत्र भी कहा जाता है।
कलावा को लेकर कई मान्याएं और कई वैज्ञानिक महत्व जुड़े हुए है। आज के समय में अधिकतर लोग कलावा बांध लेते है लेकिन इसे कब बदलना है या फिर कब तोड़ना है इस बारें में शायद ही हमें पता होता है। जिसके कारण हम इसे किसी भी दिन तोड़ देते है। जिसका असर हमारी लाइफ में बहुत ही बुरा पड़ता है। (Kajari Teej 2018: जानें कब है कजरी तीज, इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से होगी पति की लंबी आयु)
इस दिन बांधे या बदले कलावा
आचार्य ऋषि पंडित के अनुसार कलावा को रक्षासूत्र माना जाता है। इसलिए इसे किसी भी दिन आप नहीं बदल सकते है। इसलिए मंगलवार और शनिवार के दिन ही बदलना चाहिए। यह दिन शुभ माना जाता है।
कौन किस हाथ में बांधे कलावा
इसको लेकर भी कई लोगों को समझ नहीं आता है कि किस दिन बांधना शुभ होता है। इसलिए आपको बता दूं कि पुरुषों और लड़कियो को दाहिने हाथ पर और मैरिड लड़की को बाएं हाथ पर कलावा बांधना चाहिए। (Janmashtami 2018: इस दिन पड़ रही है जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व)
Kalava
बस इतनी बार लपेटे कलावा
इस बारें में आचार्य ऋषि पंडित का कहना है कि कलावा बांधने में ज्ञान का अभाव होने के कारण हम अपने हाथ सुंदर दिखने के लिए न जाने कितनी बार कलावा लपेट लेते है, लेकिन यह सहीं नहीं है। इसलिए कलावा बांधते समय हाथों की मुट्ठी बांध करें और एक हाथ सिर पर रखें। इसके साथ सिर्फ 2 या 5 बार कलाला लपेटे।
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