धर्म डेस्क: माना जाता है कि किसी माता-पिता या रिश्तेदार अपने पुत्र या सगे-संबंधी का विवाह कराते है, तो सबसे पहले संस्कारों और गुणों को देखते है। माना जाता है कि लड़का हो या लड़की उनके 32 गुणों में से 30 गुण तो मिलने ही चाहिए। साथ ही लड़का या लड़की मांगलिक तो नहीं है। जिससे सुखी वैवाहिक जीवन जीने में कोई समस्या न हो।
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यह जीवन तभी मिलता है जब आपका जीवन साथी सही हो। इसमें कोई कमी न हो। इसके लिए हम बड़ा ही सोच-समझकर विवाह करते है। विवाह के लिए हम ऐसी लड़की को चुनते है जो हमारें परिवार को संभाल सके सभी को प्यार कर सकें।
जब भी किसी की शादी की जाती है तो सबस पहले कुंडलियां मिलाई जाती है। क्योंकि ज्योतिष और नक्षत्रों का बहुत ही पुराना नाता है। अगर कुंडली मिलान के समय लड़का या फिर लड़की की कुंडली में मांगलिक तो नहीं है। यह चिंता हर माता-पिता को होती है। कि यह समस्या कही उनकी बेटे या बेटी तो नहीं है।
आमतौर में मांगलिक दोष का प्रभाव सिर्फ लड़के और लड़की पर होता है, लेकिन ज्योतिचार्यो ने इस दोष को लेकर इतना अंध विश्वास फैल दिया है कि इसका नाम लेते ही लोगो के पसीने छूट आते है।
इस तथ्य की अवहेलना नहीं की जा सकती है कि यदि मंगली दोष युक्त वर या वधू की शादी समतुल्य दोष से पीड़ित वधू या वर से नहीं की गई तो ऐसे में उनका साथ रहना मुश्किल हो जाता है।
जबकि होता यही है कि जब भी विवाह योग्य वर अथवा वधू के गार्जियंस किसी ज्योतिर्विद के पास जाते हैं, तो उनको ऐसा मंगली दोष पीड़ित बता दिया जाता है कि कई भावी और उचित जोड़ियां मिलने से पूर्व ही टूट जाती हैं।
जानिए आखिर कुंडली में मंगली दोष क्या है। इससे बचने के लिए क्या उपाय है। अगर सच में आपके कुंडली में ये दोष है तो घबराने की जरुरत नहीं है। जानिए इस दोष के क्या है और इसके लक्षण क्या है साथ ही इसके उपाय क्या है।
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