...तो इस कारण महिलाओं को वर्जित है श्मशान घाट जाना
शास्त्रों में दिया गया है कि महिलाओं को गायत्री मंत्र जाप करने तथा देवियों को जनेऊ पहनाने तक का अधिकार है। जानिए ऐसे कौन से विशेष कारण है जिसके चलते महिलाएं अंतिम संस्कार के समय श्मशान नही जा सकती है।
shamshan ghat
कहा जाता है कि महिलाओं का ह्रदय बहुत ही कोमल होता है। जिसके कारण वह जरा सी बात में डर सकती है या फिर उन्हें कोई गहरा अघात लग सकता है। जिस समय अंतिम संस्कार किया जाता है उस समय मरने वाले व्यक्ति का शरीर जलतें समय कई बार अकड़ने की आवाजें करता है जिससे वह डर सकती है, साथ ही जब मृतक का सिर फोड़ने की क्रिया की जाती है जो वह सीन किसी को भी डरा सकती है। इसलिए महिलाओं को नही ले जाया जाता है।
कुछ लोगों का इस बारें में मनना है कि जब किसी की मृत्यु होती है, तो घर अशुद्ध हो जाता है और जब उस म़तक व्यक्ति का अंतिम संस्कार के लिए ले जातें है तो घर को शुद्ध करने की जिम्मेदारी महिलाओं की होती है। अगर वह श्मशान चली गई, तो घर को धार्मिक स्वच्छता कौन करेगा। इसलिए महिलाएं को श्मशान जाना वर्जित है।
कुछ लोग मानते है कि श्मशान एक ऐसी जगह होती है जहां पर सैकडों मृतकों के शव जलाए जातें है। यह जरुरी नही है कि सभी की आत्माएं तृप्त हो जाए, इसलिए अतृप्त मृत आत्माएं वही पर घूमती रहती है। ये आत्माएं जीवित प्राणियों के शरीर पर कब्जा करने का हमेशा अवसर ढूंढती रहती है और इनका शिकार रजस्वला स्त्रियां आराम से हो जाती है। इससे बचाने के लिए महिलाओं को श्मशान जाना वर्जित है।